पप्पू यादव ने पीएम मोदी पर बोला हमला, कहा..घुसपैठियों की लिस्ट जारी करें प्रधानमंत्री बिहार विधानसभा चुनाव 2025: इस दिन जारी होगी जन सुराज पार्टी के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट, प्रशांत किशोर करेंगे नाम की घोषणा बिहार विधानसभा चुनाव 2025: इस दिन जारी होगी जन सुराज पार्टी के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट, प्रशांत किशोर करेंगे नाम की घोषणा Bihar Election 2025: बिहार चुनाव को लेकर एक्टिव मोड में अरवल जिला प्रशासन, डीएम-एसपी ने लिया तैयारियों का जायजा Bihar Politics: ‘महागठबंधन में सबकुछ तय, जल्द होगी सीटों की घोषणा’ सीट शेयरिंग पर मुकेश सहनी का बड़ा दावा Bihar Politics: ‘महागठबंधन में सबकुछ तय, जल्द होगी सीटों की घोषणा’ सीट शेयरिंग पर मुकेश सहनी का बड़ा दावा BIHAR NEWS : बस की छत पर सवार दो यात्री करंट से झुलसे, हालत गंभीर कैमूर में भीषण जाम से लोग परेशान: मोहनिया से टोल प्लाजा तक NH-19 पर घंटों फंसे वाहन चालक Bihar Crime News: बिहार में नाबालिग लड़के ने चाकू मारकर की लड़की की हत्या, एकतरफा प्यार में वारदात को दिया अंजाम Bihar Crime News: बिहार में नाबालिग लड़के ने चाकू मारकर की लड़की की हत्या, एकतरफा प्यार में वारदात को दिया अंजाम
08-Sep-2022 03:34 PM
MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर के यूनिवर्सिटी से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एडमिशन लेने वाले 28 हजार स्टूडेंट्स को ट्रांसजेंडर बना दिया गया है। खबर को सुनने के बाद आपका चौंकना लाज़मी है। दरअसल, बिहार यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन पार्ट-1 में गलती से 28 हजार स्टूडेंट्स के जेंडर चेंज कर दिए गए।
हैरत की बात तो ये है कि बिहार यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर इन छात्रों को न तो पुरुष की केटेगरी में रखा गया है और न ही इन्हे महिला की श्रेणी में शामिल किया गया है। इन सभी के जेंडर में अदर्स (अन्य) सेलेक्ट किया गया है। इसका मतलबयह हुआ कि ये सारे स्टूडेंट्स ट्रांसजेंडर हैं। इसकी जानकारी जब इन स्टूडेंट्स को मिली तो वे भी चौंक गए। दरअसल, ग्रेजुएशन पार्ट-1 के लिए 1 लाख 47 हजार छात्रों ने अप्लाई किया था, जिसमें 67 हजार 178 लोगों का नामांकन हुआ। लेकिन, इन छात्रों में लगभग 28 हज़ार को ट्रांसजेंडर की श्रेणी में रख दिया गया।
आवेदकों में एक सरोज कुमार भी हैं, जो लड़का हैं, लेकिन उन्हें भी ट्रांसजेंडर यानी अदर्स में रखा गया है। कॉलेज वालों का कहना है कि एडमिशन के समय यह गलती सामने आने से एडमिशन लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, स्टूडेंटन्स इस बात से परेशां हैं कि उन्हें फ्यूचर में कोई समस्या न आए।
आपको बता दें, बिहार यूनिवर्सिटी में पहली मेरिटलिस्ट के लिए 90 हजार ऍप्लिकैंट्स हैं। हालांकि सफाई में प्रो. टीके डे ने कहा है कि जिन स्टूटेंडट्स के आवेदन में ये गलती हुई है, उनके लिए पोर्टल खुलवाया जाएगा, जिसके बाद वे इसमें आसानी से सुधार करा सकेंगे।