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22-Jan-2023 08:34 AM
By First Bihar
BHAGALPUR : बिहार की राजनीति में इन दिनों विवादित बयानबाजी का एक दौर साथ चल पड़ा है। अब इसमें एक नया नाम बिहार सरकार के एक मंत्री का आया है। उन्होंने कह दिया है कि आज जो 10% वाले लोग हैं वह कभी अंग्रेजो के दलाल थे। उनका काम सिर्फ मंदिरों में घंटी बजाना था।
दरअसल, बिहार सरकार के भूमि सुधार राजस्व मंत्री शनिवार को गोराडीह प्रखंड अंतर्गत सालपुर पंचायत के काशील हटिया मैदान में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने कहा कि जिन्हें आज 10% में गिना जाता है वह पहले मंदिर में घंटी बजाते थे और अंग्रेजो के दलाल थे।
इतना ही नहीं मंत्री ने यह भी कहा कि यह जो 10% लोग हैं उनके सामने जो आवाज उठाता था उनकी जुबान बंद कर दी जाती थी। उन्होंने कहा जो लोग 10% हैं उन्हें ईडब्ल्यूएस कहा जाता है या दलित शोषित वंचित ओं के लिए उचित नहीं है आने वाले समय में आरक्षण पर खतरा है।
एक दैनिक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार बिहार सरकार के मंत्री आलोक कुमार मेहता एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जगदेव बाबू ने दलित, शोषित, पिछड़े एवं वंचितों के उत्थान की लड़ाई लड़ी, जिनके हिस्सेदारी 90% है। उन्हें समाज में कोई सम्मान नहीं मिलता था। जो 10% है उन्हें जब अंग्रेज यहां से जाने लगे तो सैकड़ों एकड़ जमीन देकर जमींदार बना दिया जो मेहनत मजदूरी करते थे उन्हें वंचित रखा गया।
आपको बताते चलें कि बिहार की राजनीति में इन दिनों महागठबंधन के अंदर विवादित बयान बाजी का एक सिलसिला सा चल पड़ा है। सबसे पहले बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस को लेकर सवाल उठाया। उसके बाद जदयू के पूर्व एमएलसी ने शहर को कर्बला बना देने की बात कही और अब एक और मंत्री ने अगड़े समाज पर निशाना साधते हुए यह कह दिया कि 10% आरक्षण समाज के लोग अंग्रेजों के दलाल थे।