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19-Sep-2021 10:08 AM
PATNA : बिहार में कोरोना महामारी का कहर थोड़ा कम हुआ लेकिन बच्चों के मौसमी बुखार की चपेट में आने से हड़कंप मचा हुआ है. पटना के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इन दिनों बीमार बच्चों की संख्या दिन रोज बढ़ती जा रही है. मौसम में बदलाव के कारण बढ़ी ऊमस और गर्मी के साथ ही संक्रामक रोगों ने हमला तेज कर दिया है.
पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच और पटना एम्स के पीडियाट्रिक वार्ड और आइसीयू फुल हो गये हैं. इन चारों मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अलावा दानापुर, बिहटा, मसौढ़ी, पालीगंज व बिहटा अनुमंडलीय अस्पताल में बीते एक सप्ताह में वायरल निमोनिया, तेज बुखार, इनसेफेलाइटिस, फ्लू होने के बाद करीब 300 बच्चों को भर्ती किया गया है.
भर्ती बच्चों में 2 साल से 14 साल उम्र के 140 और बाकी एक साल से कम उम्र के करीब 161 बच्चे हैं. जन्म से एक साल तक के बच्चों का इलाज एनआइसीयू में हो रहा है. पटना के शिशु वार्ड में रोजाना 18 से 20 बच्चे भर्ती किया हो रहे हैं.
आंकड़ों के अनुसार बीते एक सप्ताह में शहर के पीएमसीएच, एम्स, आइजीआइएमएस व एनएमसीएच अस्पताल के एनआइसीयू में एक साल और उससे कम उम्र के कुल 161 बच्चों को भर्ती किया गया. करीब 32 बच्चे वायरल निमोनिया, फ्लू से पीड़ित थे. सबसे अधिक 10 बच्चे पीएमसीएच, आठ एनएमसीएच, 2 एम्स और तीन आइजीआइएमएस यानी 32 बच्चे एनआइसीयू में भर्ती हैं. एनएमसीएच में दो दिनों में चार बच्चे निमोनिया पीड़ित भर्ती हुए हैं.
पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, सारण, गोपालगंज, सीवान और पश्चिमी चंपारण में भी यह बुखार तेजी से फ़ैल रहा है. बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि यह मौसम में बदलाव का असर है. शुरुआत में डॉक्टर की सलाह लेने से एक सप्ताह में आराम मिल जायेगा. जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता शुरू से ही कमजोर है, वही इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. यह फीवर मौसम के कारण आ रहा है, जो अमूमन हर साल आता है.