पुलिस की चौकसी पर उठा सवाल: मुजफ्फरपुर में लग्जरी कार सवार बदमाशों का दुस्साहस देखिये, गैस कटर से SBI ATM काटकर 25 लाख उड़ाए तेजस राजधानी एक्सप्रेस में परोसा गया खराब खाना, यात्रियों का आरोप—शिकायत पर बोला स्टाफ “कंप्लेन कही भी कर लो कुछ नहीं होगा” अच्छी नौकरी करने वाली पत्नी को नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता, इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला जानिये कौन है प्रमोद निषाद?..जिसने 19 हजार फर्जी आधार कार्ड का पूरा नेटवर्क खड़ा कर दिया जमुई में महादलित युवक को नंगा करके पीटा, वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया वायरल IndiGo Flight News: इंडिगो की उड़ानों का रद्द होने का सिलसिला जारी, पटना से 8 फ्लाइट कल कैंसिल आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU अगुवानी–सुल्तानगंज पुल का मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण, मई 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य Pawan Singh Threat Case: ‘हम जो करते हैं खुलेआम करते हैं, पवन सिंह को धमकी नहीं दी’, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का ऑडियो आया सामने
10-Apr-2023 09:01 AM
By First Bihar
MUZAFFARPUR: शहर में तीसरी आंख निर्माणाधीन और नये निर्माण होने वाले भवनों की निगरानी इससे शहर की निगरानी और सुरक्षा बढ़ेगी. जिसके लिए राज्य के मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी में स्थायी रूप से थर्ड पार्टी जांच के लिए कंपनी को रखने की प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. जिसके लिए नगर निगम की ओर से कोटेशन जारी किया गया है. निगम की ओर से जो शर्ते जारी की गई है उसके अनुसार इस महीने के अंत तक कंपनी को चयनित कर लिया जायेगा.
बता दें निगम की ओर से जारी शर्तों के मुताबिक 25 अप्रैल तक कोटेशन जमा करने की अंतिम तिथि रखी गयी है. जिसके के बाद 28 अप्रैल को निगम के तहत किसी एक एजेंसी को जांच के लिए चयनित किया जायेगा. वही चयनित कंपनी को क्या-क्या और कैसे-कैसे काम करना है. इस को लेकर15 बिंदुओं पर कार्य के बारे में गाइडलाइन जारी की गयी है.
मालूम हो कि अभी तक थर्ड पार्टी की व्यवस्था नहीं थी. इसलिए शिकायत के बाद भी निर्माण स्थल की जांच और कार्रवाई में देर होता था. इसलिए थर्ड पार्टी की व्वयस्था की जा रही है. जिसकी जिम्मेवारी होगी कि वो नगर निगम से स्वीकृत नक्शों का पर्यवेक्षण और जांच करे. और भवनों की संरचना का डिटेल के साथ भार का मूल्यांकन करने के बाद रिपोर्ट देना. मिली शिकायतों और छानबीन के बाद ही भवनों के प्लान के लिए अप्रूवल करना.