Makar Sankranti 2026: मकर संक्रांति पर बन रहे दो दुर्लभ संयोग, शुभ मुहूर्त में जरूर करें यह काम Makar Sankranti 2026: मकर संक्रांति पर बन रहे दो दुर्लभ संयोग, शुभ मुहूर्त में जरूर करें यह काम BSF Recruitment: BSF में इतने पदों पर निकली भर्ती, ऐसे करें आवेदन; जानिए.. कब है लास्ट डेट? BSF Recruitment: BSF में इतने पदों पर निकली भर्ती, ऐसे करें आवेदन; जानिए.. कब है लास्ट डेट? Bihar Education News: बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर आया बड़ा अपडेट, क्या बोले शिक्षा मंत्री सुनील कुमार? Bihar Education News: बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर आया बड़ा अपडेट, क्या बोले शिक्षा मंत्री सुनील कुमार? Bihar Bhumi: बिहार में दूर होगी जमीन से जुड़ी हर समस्या, दाखिल खारिज को लेकर विभाग ने दिए सख्त निर्देश Bihar Bhumi: बिहार में दूर होगी जमीन से जुड़ी हर समस्या, दाखिल खारिज को लेकर विभाग ने दिए सख्त निर्देश राज्यसभा सीट पर अड़े जीतनराम मांझी, जहानाबाद में बोले..अमित शाह ने वादा नहीं निभाया Bihar Crime News: बिहार में युवक को सरेआम मारी गोली, आपसी रंजिश में वारदात को अंजाम देने की आशंका
12-Feb-2021 04:57 PM
By ASMEET SINHA
PATNA : बिहार के जमुई जिले में कोरोना टेस्टिंग के नाम पर गड़बड़ी सामने आने के बाद सरकार एक्शन में आई है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जमुई के सिविल सर्जन समेत वहां के कई स्वास्थ्य कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. कई अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. कुछ कर्मियों को बर्खास्त भी किया गया है.
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कोरोना टेस्टिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए जमुई के सिविल सर्जन डॉ. विजयेंद्र सत्यार्थी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुधांशु लाल को सस्पेंड कर दिया है. इनके अलावा प्रतिरक्षण पदाधिकारी पर भी गाज गिरी है. बरहट और सिकंदरा के प्रभारी को भी निलंबित किया गया है. जबकि 4 अन्य कर्मियों को बर्खास्त करने की बात सामने आ रही है.
आपको बता दें कि बिहार में कोरोना टेस्ट रिपोर्ट के आंकड़ों में नाम, उम्र और फोन नंबर में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है. पटना, जमुई और शेखपुरा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में करीब 600 डेटा एंट्री और जांच रिपोर्ट, दोनों में ही गड़बड़ी हुई है. 'इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पटना, शेखपुरा और जमुई के 6 PHC में 16, 18 और 25 जनवरी को कोरोना जांच के 588 एंट्री की जांच की गई तो पता चला कि डेटा प्रोटोकॉल को पूरा करने के लिए नाम, उम्र और मोबाइल फोन नंबर की पूरी डेटा एंट्री ही फर्जी थी.
जब इन डेटा का मिलान किया गया तो पता चला कि जमुई जिले के बरहट की 230 एंट्री में 12, सिकंदरा की 208 एंट्री में 43 और जमुई सदर की 150 में 65 मामलों में ही कोरोना जांच को वेरिफाई किया जा सका. यही हाल फोन नंबरों का भी रहा. बरहट में तीन अलग-अलग तारीखों के 14, 11 और 11 फोन नंबर गलत पाए गए. जमुई के बरहट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 0000000000 रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है, जो कि उन 48 लोगों में से 28 लोगों के मोबाइल नंबर के रूप में है, जिन्हें 16 जनवरी को कोविड जांच के रूप में दिखाया गया था. 'इंडियन एक्सप्रेस' में कहा गया है कि 25 जनवरी को भी 83 लोगों में से 46 के मोबाइल नंबर की जगह 10 शून्य लिखा गया है. PHC जमुई सदर में भी 16 जनवरी को 150 एंट्री में से 73 के लिए मोबाइल नंबर की जगह 10 शून्य का इस्तेमाल किया गया है.
बरहट में ही एक ऐसा फोन नंबर मिला जिसे आरटी-पीसीआर टेस्ट के 26 मामलों में दर्ज किया गया था. यह फोन नंबर यहां से सौ किलोमीटर दूर बांका जिले के शंभूगंज निवासी मजदूर बैजू रजक का था, उसने इन लोगों से किसी तरह के संबंध से इनकार किया. इन 26 में 11 पुरुष, 6 महिलाएं और 9 बच्चे थे. ऐसा ही मामला शेखपुरा PHC में भी देखने को मिला. शेखपुरा में पीएचसी के कर्मचारी धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि उनका फोन नंबर 16 जनवरी की डेटा एंट्री में 6 लोगों के लिए इस्तेमाल किया गया है. मैं कोविड सेक्शन में काम नहीं कर रहा था. मुझे इससे कोई लेना-देना नहीं है.