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27-May-2024 07:59 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार में लोकसभा 2024 की अबतक छह चरणों में 80 फीसदी सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुके हैं। शेष 20 फीसदी सीटों पर मतदान आगामी 1 जून को होना है। लेकिन इस बार के चुनाव में एक चीज़ जो देखने को मिली है, वह यह है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार अबतक मतदान के प्रतिशत में बढ़ोतरी नहीं हुई है। लोगों में पिछली बार की तरह मतदान को लेकर अधिक उत्साह नजर नहीं आ रहा है।
दरअसल, राज्य की 40 लोकसभा की सीटों में 32 सीटों पर चुनाव सम्पन्न हो चुका है। अब आठ सीटों पर सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान होना बाकी है। ऐसे में जिन 32 संसदीय क्षेत्रों में मतदान हो चुके हैं, वहां वर्ष 2019 की तुलना में मतदान प्रतिशत कम दर्ज किया गया है। जबकि वर्ष 2019 में भी सात चरणों में चुनाव सम्पन्न हुआ था और चरणवार सीटों का क्रम भी वही था, जो इस बार के चुनाव में है। इसके बाबजूद वोटरों में पिछली बार की तरह अधिक उत्साह नजर नहीं आ रहा है।
पिछले चुनाव और इस दफे की चुनाव के मतदान प्रतिशत की तुलना करें तो हर जगह मतदान प्रतिशत कम होता ही नजर आ रहा है। जहां पिछली बार यानी 2019 में पहले चरण में 53.60 प्रतिशत मतदान हुआ था और इस बार महज 49.26 प्रतिशत मतदाता ही अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके हैं। उसी तरह दूसरे चरण में पिछली बार 62.93 प्रतिशत तो इस बार 59.45 प्रतिशत मतदान हुआ है। जबकि तीसरा चरण में वर्ष 2019 में 61.26 प्रतिशत मतदान हुआ था और इस बार यह आंकड़ा 59.14 प्रतिशत है। इसके बाद चौथे चरण का मतदान प्रतिशत थोड़ा सही जरूर रहा लेकिन पिछले बार की तुलना में यह भी कम ही रहा है। इस चरण में पिछली दफा 59.35 प्रतिशत मतदान हुआ था और इस बार यह आंकड़ा 58.21 फीसद रहा है। उसके बाद पांचवें चरण में वर्ष 2019 में 57.19 प्रतिशत मतदान हुआ था और इस बार यह आकड़ा 56.76 प्रतिशत है। जबकि छठा चरण में वर्ष 2019 में 58. 47 प्रतिशत मतदान हुआ था और इस बार 55.45 प्रतिशत मतदान हुआ है।
वहीं, कम वोटिंग पर्सेंटेज के मद्देनजर चुनाव आयोग ने सातवें एवं अंतिम चरण की आठ संसदीय सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अपना अंतिम प्रयास शुरू कर दिया है। इस चरण में बिहार के नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम (सु), काराकाट एवं जहानाबाद सीटों के लिए मतदान होना है। इस चरण के मतदान को लेकर मतदाताओं को ऑटो वाहन से प्रचार, दृश्य एवं श्रव्यण माध्यमों से प्रचार के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
उधर, सभी संबंधित जिलों में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को घर-घर मतदाता पर्ची पहुंचाने के निर्देश दिये गये हैं। मतदाता पर्ची न मिले तब भी बूथ पर मतदाताओं को आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ताकि वे अपने साथ आवश्यक पहचान के लिए 12 प्रकार के दस्तावेज लेकर मतदान कर सकें। इसके अलावा, मतदाताओं को डॉयल 1950 के माध्यम से अपना बूथ व क्रमांक की जानकारी लेने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है