ISM पटना में छात्र परिषद शपथ ग्रहण समारोह, 17 छात्र प्रतिनिधियों ने ली बड़ी जिम्मेदारी SAHARSA: मणिकांत हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, दो ने कोर्ट में किया सरेंडर बिहटा चेन स्नैचिंग कांड का खुलासा, चार आरोपी गिरफ्तार PURNEA: जानकीनगर पुलिस ने 12 घंटे में चोरी की घटना का किया खुलासा, दो गिरफ्तार बड़हरा की तीर्थ यात्रा पहल को नई गति, नथमलपुर से अयोध्या के लिए रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था विद्या विहार विद्यालय में अलंकरण समारोह, पूर्व छात्र IPS प्रवीन प्रकाश बने मुख्य अतिथि चुनाव से पहले एसपी का निरीक्षण, मीरगंज में सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा Bihar Politics: ‘वोट चोरी से प्रधानमंत्री बनें हैं नरेंद्र मोदी’ आरजेडी सांसद संजय यादव का बड़ा हमला हैदराबाद में सनातन महाकुंभ: सिंदूर महायज्ञ का हुआ आयोजन Bihar News: बिहार में यहां बनने जा रहीं दो फोरलेन सड़कें, पथ निर्माण विभाग ने भेजा डीपीआर; खर्च होंगे 201 करोड़
21-Sep-2023 06:59 PM
By First Bihar
PATNA: अपने फैसलों को लेकर सुर्खियों में बने रहने वाले शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने राज्य के सभी स्कूलों के लिए नया फरमान जारी किया है। अब राज्य के सभी स्कूलों में मंथली एग्जाम के दौरान स्कूलों में पढ़ाई होगी। पहली पाली में पढ़ाई होगी जबकि दूसरी पाली में मासिक परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है।
शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार नेपत्र जारी कर कहा है कि ऐसा पाया गया है कि स्कूलों में मंथली एग्जाम के दिन पढ़ाई नहीं होती है। पिछले महीने से कक्षा एक से 12वीं तक मासिक परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। ऐसी खबर मिली है कि स्कूलों में मात्र दो घंटी परीक्षा होती है और बाकी समय पढाई नहीं हो रही है और शिक्षक खाली बैठे रहते हैं। इस कारण शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निर्धारित घंटे तक पढ़ाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में मासिक परीक्षा के दौरान पहले सत्र में पढ़ाई होगी जबकि भोजनावकाश के बाद दूसरी पाली में परीक्षा आयोजित की जाए।
बता दें कि शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव का दायित्व संभालने के बाद से ही केके पाठक लगातार एक्शन में हैं। उनके कामकाज को लेकर उनके ही विभाग के मंत्री चंद्रशेखर भी सवाल उठा चुके हैं। इसके साथ ही केके पाठक के काम करने के तौर तरीकों को लेकर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। इन सबके बावजूद केके पाठक बिहार की ध्वस्त हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हैं। शिक्षा की बदहाली को दूर करने के लिए वे लगातार चौंकाने वाले फैसले ले रहे हैं।