Bihar News: बिहार में ट्रक से टक्कर के बाद बीच सड़क पर पलटी तेज रफ्तार बस, डेढ़ दर्जन लोग घायल Bihar News: बिहार में ट्रक से टक्कर के बाद बीच सड़क पर पलटी तेज रफ्तार बस, डेढ़ दर्जन लोग घायल bihar inter admission 2025: बिहार बोर्ड ने इंटरमीडिएट में नामांकन की डेट बढ़ाई, अब छात्र-छात्राओं को इस दिन तक मिलेगा मौका bihar inter admission 2025: बिहार बोर्ड ने इंटरमीडिएट में नामांकन की डेट बढ़ाई, अब छात्र-छात्राओं को इस दिन तक मिलेगा मौका Bihar Crime News: गोपालगंज में महिला की हत्या, ससुर व पति पर आरोप Bihar Suicide News: राज्य में तेजी से बढ़ रहे आत्महत्या के मामले, वजहें चौकाने वालीं Bihar News: बिहार में महिला ने तीन बच्चों के साथ खाया जहर, पति से झगड़े के बाद उठाया खौफनाक कदम Bihar News: बिहार में महिला ने तीन बच्चों के साथ खाया जहर, पति से झगड़े के बाद उठाया खौफनाक कदम Bihar Rain Alert: पटना समेत इन जिलों में तेज बारिश, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी Telangana Pharma Company Blast: तेलंगाना के फार्मा कंपनी में भीषण धमाका, 6 की मौत की आशंका, 20 लोग घायल
23-Mar-2021 03:21 PM
PATNA : मुख्यमंत्री से सीधा टकराने वाले चर्चित आईपीएस अफसर को सरकार ने अनुपयुक्त बताते हुए जबरन रिटायरमेंट दे दिया है. गृह मंत्रालय की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है. इनके अलावा दो अन्य आईपीएस अधिकारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है, जिनके ऊपर काफी गंभीर आरोप लगे थे.
बिहार के रहने वाले यूपी कैडर के चर्चित आईपीएस अमिताभ ठाकुर को सेवा पूर्ण होने से पहले ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है. गृह मंत्रालय का कहना है कि अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तात्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत किये जाने का निर्णय लिया गया है. इस बारे में अमिताभ ठाकुर ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी है. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ठाकुर को अखिल भारतीय सेवा के लिए उपयुक्त नहीं माना है और तुरंत प्रभाव से पूरी तरह से सेवानिवृत्त किए जाने का फैसला किया है.
आपको बता दें कि 1992 बैच के यूपी कैडर के चर्चित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर फिलहाल उत्तर प्रदेश में आईजी रूल्स एंड मैन्युअल के पद पर कार्यरत थे. गौरतलब हो कि अमिताभ ठाकुर ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से सीधा टकराते हुए उनके खिलाफ लखनऊ में केस दर्ज कराया था. मुलायम सिंह यादव से बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था उसके बाद उनको सस्पेंड भी किया गया था. जब अखिलेश यादव यूपी के सीएम बने तो उन्होंने अमिताभ ठाकुर के खिलाफ भी मामला दर्ज करा दिया. उनके खिलाफ पांच पांचवीं विभागीय कार्रवाई भी हुई थी.
आईपीएस अमिताभ ठाकुर के खिलाफ आरोप था कि 16 नवम्बर 1993 को आईपीएस की सेवा प्रारंभ करते समय अपनी संपत्ति का ब्यौरा शासन को नहीं दिया गया. इसके साथ ही उन्होंने 1993 से 1999 तक का वर्षवार संपत्ति विवरण शासन को एकमुश्त दिया.आरोपपत्र में यह भी था कि अमिताभ ठाकुर के वर्षवार वार्षिक संपत्ति विवरण में काफी भिन्नताएं हैं.उन्होंने अपनी पत्नी व बच्चों के नाम से काफी संख्या में चल एवं अचल संपत्तियां, बैंक व पीपीएफ जमा की हैं. उनको ऋण व उपहार प्राप्त हुए थे, किन्तु उन्होंने इसकी सूचना शासन को नहीं दी.
आपको बता दें कि अखिलेश सरकार के बाद योगी सरकार में भी अमिताभ ठाकुर आंख की किरकरी बने हुए थे. उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित और जुझारू अधिकारियों में से एक अमिताभ ठाकुर कवि और लेखक भी हैं. उनका जन्म बोकारो (बिहार-झारखंड) में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई बोकारो के केंद्रीय विद्यालय से पूरी करने के बाद अमिताभ ने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. ये मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी जिले के सुरसंड के बखरी गांव के रहने वाले हैं. वे नेशनल आर.टी.आई फोरम के संस्थापक भी हैं और इनकी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर एक जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता हैं.
अमिताभ ठाकुर को इस सरकार ने प्रमोशन भी नहीं दिया था. जबकि उनके बैच के सभी साथी अधिकारी इस समय एडीजी बन चुके है जबकि अमिताभ ठाकुर आज भी आईजी की पोस्ट पर ही बने हुए थे. अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि मुझे अभी-अभी VRS (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ. सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिये. जय हिन्द ! उन्हें शायद इस बात की भनक लग चुकी थी कि सरकार से सवाल करने का खामियाजा उन्हें भुगतना जरुर पड़ेगा. आज कार्रवाई हो गई है.