gen z post office : IIT Bihta में खुला बिहार का पहला Gen Z Post Office, अब इस जिले की बारी; जानें क्या-क्या मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं Bihar Crime News: शराबबंदी वाले राज्य में तंदूर उगलने लगी शराब, दिल्ली से बिहार पहुंची थी बड़ी खेप; नए साल के जश्न की तैयारी में माफिया Bihar Crime News: शराबबंदी वाले राज्य में तंदूर उगलने लगी शराब, दिल्ली से बिहार पहुंची थी बड़ी खेप; नए साल के जश्न की तैयारी में माफिया Patna Top School Admission 2026: आप अपने बच्चों का एडमिशन पटना के टॉप स्कूलों में कराना चाहते हैं? पढ़ लीजिए यह जरूरी खबर Patna Top School Admission 2026: आप अपने बच्चों का एडमिशन पटना के टॉप स्कूलों में कराना चाहते हैं? पढ़ लीजिए यह जरूरी खबर Bihar Industry Land Offer : बिहार में मात्र 1 रुपये में मिलेगी जमीन, 31 मार्च 2026 तक करें आवेदन; सरकार का बड़ा ऑफर Bihar News: बिहार में 17.29 करोड़ की लागत यहां बनने जा रहा सब-जेल, 25 एकड़ भूमि का होगा अधिग्रहण; सरकार ने जारी किया आदेश Bihar News: बिहार में 17.29 करोड़ की लागत यहां बनने जा रहा सब-जेल, 25 एकड़ भूमि का होगा अधिग्रहण; सरकार ने जारी किया आदेश RWD के 'कार्यपालक अभियंता' होंगे सस्पेंड ! लखीसराय में ठेकेदार- इंजीनियर गठजोड़ का बड़ा खुलासा...जारी कर दिय़ा था फर्जी सर्टिफिकेट, अब खुली पोल Indigo Crisis: इंडिगो संकट थमने के आसार, DGCA ने रोस्टर संबंधी आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लिया
21-Feb-2020 10:27 AM
PATNA : भगवान शिव की पूजा हमेशा से ज्योतिर्लिंग स्वरूप में होती रही है. देश के 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में तो सभी जानते है पर क्या आप जानते है की हमारे बिहार में भी कई शिव धाम है जहां पूजा करना भक्तों के लिए विशेष महत्त्व रखता है. इन शिव मंदिरो में अन्य दिनों की अपेक्षा श्रावण के महीने में और महाशिवरात्रि के दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. आइये जानते है इन मंदिरो के बारे में-
बाबा गरीबनाथ धाम, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ मंदिर शिव भक्तों में काफी प्रसिद्ध है. इस मंदिर का इतिहास 300 साल पुराना है. भक्तों में ऐसी मान्यता है कि यहां पर मांगी गई मनोकामना को भोलेनाथ जरूर पूरा करते है. इस कारण इन्हें मनोकामना लिंग के तौर पर पूजा करते है. जब से बिहार झारखंड से अलग हुआ तब से यहां भक्तों की भीड़ में दिन प्रतिदिन इजाफा होने लगा है. सावन महीने में कावड़ियों की भीड़ लग जाती है. कावड़िये सोनपुर के पहलेजा घाट से जल लेकर 70 किमी दूर बाबा गरीबनाथ मंदिर में जा कर जलाभिषेक करते है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार जहां मंदिर है वहां कभी घना जंगल हुआ करता था. इस जंगल के बीच सात पीपल के पेड़ हुआ करता था. बताया जाता है की जब पेड़ को काटा जा रहा था तब इन पेड़ों से खून जैसा लाल पदार्थ निकलने लगा. उसी जगह पर विशालकाय शिवलिंग मिला तब से यहां पूजा अर्चना शुरू हो गया. महाशिवरात्रि और सावन के महीने में भक्त यहां दूर दूर से पूजा करने आते है.
हरिहरनाथ, सोनपुर
गंडक नदी के किनारे सोनपुर में हरिहरनाथ मंदिर है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि भगवान राम ने इस मंदिर को तब बनवाया था जब वो सीता जी से स्वयंवर करने जा रहे थे. इस मंदिर में हरी (विष्णु) और हर (शिव) दोनों की प्रतिमा है, इस कारण इस मंदिर की विशेषता बढ़ जाती है. शिवरात्रि के दिन यहां शिव भक्त विशेष पूजा अर्चन करते हैं. सावन महीने में श्रावण मेले का आयोजन किया जाता है. सोनपुर मेले के दौरान मेले में आए देश-विदेश के पर्यटक भी भगवन के दर्शन को आते है.
बैकटपुर धाम, पटना
राजधानी पटना से 40 किमी दूर करौटा के पास बैकटपुर मंदिर है. इस मंदिर को गौरीशंकर बैकुण्ठधाम के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर 108 छोटे छोटे शिवलिंग बने हुए हैं, इसके साथ ही माता पार्वती भी विराजमान हैं. इस वजह से ये अन्य मंदिरों के ज्योतिर्लिंग से दुर्लभ है. इस तरह का शिवलिंग पूरी दुनिया में कही नही है.
अशोकधाम मंदिर, लखीसराय
बिहार के लखीसराय जिले में बड़हिया के पास अशोकधाम मंदिर है. इस मंदिर को इन्द्रदमनेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर भगवन शिव का है, साथ ही मंदिर परिसर में तीन और मंदिर है जो मां पार्वती, दुर्गा और भगवन शिव के पहरेदार नन्दी को समर्पित है.
दशशीशानाथ, नौहट्टा
सहरसा जिले के नौहट्टा में स्थित दशशीशानाथ मंदिर की सुंदरता देखने लायक है. तीन नदियों के संगम पर स्थित इस मंदिर का इतिहास त्रेता युग से सम्बंधित है। रावण भगवन शिव के परम भक्तों में से एक था, ऐसी मान्यता है की उसने त्रेता युग में भगवन शिव की पूजा की थी. महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां सोन नदी के किनारे भव्य मेला लगता है.
हरगौरी मंदिर, ठाकुरगंज
किशनगंज जिले में 117 साल पुराना हरगौरी मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है. इस मंदिर में सालों भक्तों की भीड़ लगी रहती है, पर शिवरात्रि और सावन में भक्तों का उत्साह चरम पर रहता है. यहां शिव और पार्वती दोनों की प्रतिमा एक ही साथ है. इस मंदिर के शिवलिंग को दुर्लभ माना जाता है.