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01-Oct-2021 03:33 PM
PATNA : नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर पिछड़ी साबित हुई है. विपक्ष लगातार इसको लेकर सरकार पर निशाना साध रहा है. आज बिहार सरकार में मंत्री जीवेश मिश्रा ने विपक्ष को करारा जवाब दिया है. नीति आयोग में फिसड्डी होने का ठीकरा मंत्री ने विपक्ष के ही मत्थे फोड़ दिया है.
मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि लालू-राबड़ी शासनकाल में स्वास्थ्य व्यवस्था का जो हाल था उसे दुरुस्त किया जा रहा है. मंत्री ने कहा कि 1990 से 2005 तक जब विपक्ष के लोग सत्ता में थे तब तो उन्होंने स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया. अब जब हमारी सरकार सत्ता में आई है तो पहले की खामियों को ही पहले दुरुस्त करने में काफी समय लग रहा है. जाहिर है कि इसमें थोड़ा समय लगेगा. सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. रिपोर्ट में अभी बिहार 15वें नंबर पर जरूर है लेकिन उसे नंबर 1 बनाने के लिए हर संभव प्रयास जारी है.
आपको बता दें कि नीति आयोग ने बिहार सरकार की व्यवस्था की पोल खोल दी है. देशभर में बिहार के अस्पतालों का सबसे बुरा हाल है. केंद्र सरकार के शीर्ष थिंक टैंक नीति आयोग की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि बिहार में एक लाख की आबादी पर मात्र 6 ही बेड हैं. भारत के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की लिस्ट में बिहार नीचे से नंबर वन है. यानी कि बिहार इस मामले में सबसे फिसड्डी राज्य है.
नीति आयोग की ओर से 'जिला अस्पतालों के कामकाज में बेहतर गतिविधियों' पर रिपोर्ट पेश की गई है. इस रिपोर्ट को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ इंडिया ने आपसी सहयोग से तैयार किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में जिला अस्पतालों में प्रति एक लाख आबादी पर औसतन 24 बिस्तरें हैं. इसमें पुडुचेरी में जिला अस्पतालों में सबसे ज्यादा औसतन 222 बिस्तरे उपलब्ध हैं जबकि इस मामले बिहार के जिला अस्पतालों का सबसे बुरा हाल है. बिहार के जिला अस्पतालों की बात करें तो यहां प्रति एक लाख आबादी पर मात्र 6 बेड उपलब्ध है.
जानकारी हो कि आज मंत्री जीवेश मिश्रा ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में बने ई-ऑफिस का उद्घाटन किया. ई-ऑफिस के उद्घाटन के बाद सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग अब पूरी तरह से पेपरलेस हो गया है. मंत्री जीवेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विभाग में कोई भी फाइल ऑनलाइन ही एक दूसरे के पास जाएगी. विभाग का शत प्रतिशत काम अब ऑनलाइन ही होगा. इसके लिए सभी फाइलों का स्कैन कर कंप्यूटर में अपलोड कर दिया गया है.