ग्राहक बनकर आए शातिर चोरों ने दिनदहाड़े ज्वेलरी शॉप से उड़ाए लाखों के जेवर, सीसीटीवी में कैद हुई करतूत बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन पटना पहुंचे, पिता की पुण्यतिथि में होंगे शामिल BIHAR POLITICS: श्रवण कुमार बने NDA के मुख्य सचेतक, विनोद नारायण झा बने उप मुख्य सचेतक, अधिसूचना जारी Bihar News: दो बाइक की टक्कर में युवक की मौत, तीन लोग गंभीर रूप से घायल Bihar News: बिहार में सड़क सुरक्षा एवं जाम से निजात के लिए ठोस पहल, परिवहन सचिव ने की अहम बैठक; दिए यह निर्देश Bihar News: बिहार में सड़क सुरक्षा एवं जाम से निजात के लिए ठोस पहल, परिवहन सचिव ने की अहम बैठक; दिए यह निर्देश 14223/14224 राजगीर-वाराणसी बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस का टर्मिनल बदलकर बनारस से 08 मार्च से परिचालन BPSC AEDO एग्जाम स्थगित: 10 से 16 जनवरी तक होने वाली परीक्षा टली, जल्द घोषित होगा नया डेट BPSC AEDO एग्जाम स्थगित: 10 से 16 जनवरी तक होने वाली परीक्षा टली, जल्द घोषित होगा नया डेट Patna News: पटना में ऑटो पकड़ने के लिए अब भटकने की जरूरत नहीं, नीतीश सरकार ने कर दी हाइटेक व्यवस्था
27-Feb-2021 08:19 AM
PATNA : राज्य के अंदर न्यायालयों की तरफ से स्पीडी ट्रायल के मामलों में तेजी से सुनवाई कर दोषियों को सजा दिलाने की कई खबरें हाल के दिनों में देखने को मिली है लेकिन बिहारशरीफ कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जो देश के लिए मिसाल बन गया है। न्यायपालिका के इतिहास में शायद ही ऐसा हुआ हो कि सबूत रहते हुए किसी आरोपी को बरी कर दिया गया। बिहारशरीफ कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आरोपी पिता को इसलिए बरी कर दिया क्योंकि उसके गुनाह की सजा 4 माह के मासूम को न भुगतना पड़े। किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
दरअसल यह मामला एक नाबालिग लड़की को भगा कर शादी करने और शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी किशोर को सबूत रहते हुए बरी करने का है कोर्ट ने नाबालिग दंपत्ति को साथ रहने के लिए आदेश दिया है। नाबालिक होने के कारण दोनों की शादी कानूनी रूप से भले ही मान्य नहीं हो लेकिन कोर्ट के निर्देश पर अब दोनों साथ रहेंगे। इस मामले में लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की 19 साल है। दरअसल कोर्ट ने दंपति के 4 माह के बच्चे को देखते हुए यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।
इस तरह के मामलों में कानूनन 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है लेकिन बिहारशरीफ की अदालत ने जो फैसला सुनाया है वह अपने आप में नजीर बन गया है। फैसला सुनाते हुए जज मानवेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह के अपवाद है और दूसरे मामलों में यह फैसला नजीर बनेगा। जज ने कहा कि दोनों को 4 माह का बच्चा भी है। ऐसे में नाबालिग मां-बाप को अगर सजा दी जाती है तो एक मासूम का पालन पोषण और संरक्षण प्रभावित होगा। एक साथ तीन जिंदगी इस फैसले से प्रभावित होंगी। यही नहीं कोर्ट ने आशंका जताई कि किशोरी कि ऑनर किलिंग भी हो सकती है। बच्चे की जान भी खतरे में पड़ सकती है। इसलिए अदालत ने दंपत्ति को साथ रहने का आदेश दिया और मासूम के आरोपी पिता को बरी कर दिया। बिहारशरीफ कोर्ट के इस फैसले की चर्चा अब हर तरफ है।