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02-Mar-2021 08:11 PM
PATNA : बिहार के आईएएस, आईपीएस या किसी भी सरकारी अफसर के लिए विदेश जाना थोड़ा मुश्किल हो गया है. अगर कोई भी अधिकारी अपने पर्सनल काम से भी विदेश यात्रा पर जाना चाहता है तो उसे बिहार सरकार को निजी जानकारियां भी साझा करनी पड़ेंगी. हालांकि ये नियम पहले से भी है लेकिन इसे और भी ज्यादा सख्त कर दिया गया है. इस संबंध में बिहार सरकार ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, कमिश्नर और डीएम को पत्र लिखा है.
बिहार सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक राज्य के सरकारी सेवकों को पर्सनल काम से भी विदेश जाने के लिए ढेर सारी जरूरी और पर्सनल जानकारियां भी सरकार के साथ साझा करनी होगी. हालांकि ये नियम पहले से है कि सरकारी अफसरों को विदेश जाने से पहले सक्षम प्राधिकार की अनुमति लेनी होती है. लेकिन इसे और भी ज्यादा सख्त कर दिया गया है.
सरकारी अफसरों को अब आवेदन के साथ-साथ निजी यात्रा की जानकारियां भी साझा करनी होगी. सरकार को बताना होगा कि अधिकारी किस देश में कितने दिनों के लिए जा रहे हैं. कितने रुपये खर्च करने वाले हैं. जो पैसे खर्च करने वाले हैं, वे पैसे कहाँ से आएं. उनका वेतन कितना है. किस विभाग में और किस पद पर काम करते हैं. इतनी सारी जानकारियां साझा करने के बाद विदेश जाने वाले अफसर को ये भी बताना होगा कि पिछले 10 साल में वे कितनी बार विदेश गए हैं. किस काम के लिए विदेश गए हैं और कितने दिन दूसरे देशों में रहे हैं.
इस प्रपत्र में खंड 'ख' भी है, जो संबंधित विभाग या कार्यालय द्वारा भरा जायेगा. इसमें ये चीजें लिखी रहेंगी कि क्या सरकारी अफसर भारी मात्रा में सरकारी रुपये का सञ्चालन करते हैं. क्या वे गोपनीय या अति गोपनीय विषयों का निष्पादन करते हैं. उनके ऊपर कोई भी गंभीर आरोप तो नहीं है. कोई एफआईआर तो नहीं है. क्या वह कभी ससपेंड हुए हैं.
ये तमाम जानकारियां अब बिहार के काम करने वाले आईएएस, आईपीएस, बिहार प्रशासनिक सेवा अधिकारी और बिहार पुलिस सेवा अधिकारी समेत तमाम विभागों के अफसरों को सरकार के साथ साझा करनी होंगी, जब वे किसी पर्सनल काम से भी विदेश जाना चाहें.