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अवमानना के मामलों में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, 4 सप्ताह के अंदर आदेश पालन करने का मिला समय

अवमानना के मामलों में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, 4 सप्ताह के अंदर आदेश पालन करने का मिला समय

18-Nov-2022 11:38 AM

PATNA : पटना हाईकोर्ट में अवमानना से जुड़े कई मामलों में बिहार के मुख्य सचिव,डीजीपी सहित सभी विभाग के प्रमुख पटना हाईकोर्ट में उपस्थित हुए। जिसके बाद मुख्य सचिव ने इस मामले पर सरकार का पक्ष रखा। कोर्ट ने कहा कि वैसे सभी मामलों के आदेश का अनुपालन चार सप्ताह के अंदर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। जिस पर विभागों के प्रमुख ने कोई आपत्ति नहीं दर्ज करवाई है। इन लोगों ने हाईकोर्ट के आदेश को किसी कोर्ट में चुनौती दी गई है।


दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने अवमानना के 160 मामलों पर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव डीजीपी के अलावे एक दर्जन विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को तलब किया है। जिन विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को तलब किया गया है उनमें वित्त आवास पथ निर्माण शिक्षा भवन निर्माण के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण विभाग शामिल है। अब हाई कोर्ट ने  इस मामले में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को करने वाला है। 


न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह तथा न्यायमूर्ति सुनील दत्त मिश्रा की खंडपीठ ने करीब 156 अवमानना मामले पर एक साथ सुनवाई की। इस सुनवाई में वित्त, पथ निर्माण, राजस्व एवं भूमि सुधार गृह, नगर विकास एवं आवास, शिक्षा, पशुपालन एवं मत्स्य पालन, स्वास्थ्य, कृषि ग्रामीण विकास, वन एवं पर्यावरण, सामान्य प्रशासन, लोक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी एवं भवन निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व सचिव उपस्थित हुए।


आपको बता दें कि, पटना हाई कोर्ट की तरफ से जो फैसले दिए गए हैं, उनमें कई ऐसे फैसले हैं जिन पर अब तक अधिकारियों ने कोई अमल नहीं किया। सरकार कोर्ट का फैसला नहीं मान रही है और इसी कारण अवमानना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिसके बाद पटना हाई कोर्ट ने इसी मामले को लेकर सुनवाई की और राज्य के मुख्य सचिव से लेकर डीजीपी तक को तलब किया था। 


कोर्ट ने अदालती आदेश का पालन नहीं किए जाने को गंभीर मामला बताते हुए कहा कि विभाग के आला अधिकारी अपने अधीनस्थ अफसरों को अदालती आदेश का पालन कराने की जिम्मेदारी दें। कोर्ट ने कहा कि अधीनस्थ अधिकारी सख्ती से अदालती आदेश का पालन कराएं। कोर्ट ने अदालती आदेश का पालन कैसे हो, इस पर आला अधिकारियों से सुझाव भी मांगे। साथ ही अगली सुनवाई की तारीख 21 दिसम्बर तय की।