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23-Aug-2022 05:37 PM
PATNA : महागठबंधन की सरकार द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के खारिज होने के बाद एक बार फिर बिहार की सियासत गरमा गई है। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने साफ कर दिया है कि उनके खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था वह नियमों के विरूद्ध था। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के इस फैसले के बाद अब बिहार में संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इधर, सत्ताधारी दल आरजेडी ने स्पीकर के इस कदम को असंवैधानिक करार दिया है। आरजेडी ने कहा है कि स्पीकर जबतक विश्वास मत हासिल नहीं कर लेते उन्हें आसन पर जाने का कोई अधिकार नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने पर आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि संविधान से ऊपर कोई नहीं होता है। सदन का हर सदस्य चाहे वह मंत्री हो, मुख्यमंत्री हो या स्पीकर सभी नियमों से बंधे होते हैं। नियम से बाहर जाकर कोई भी आचरण संवैधानिक नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि 50 से अधिक विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया है वह नियमानुकूल है। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा चाहे जो दलील दे लें लेकिन सदन की गरिमा बरकरार रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा नियमावली के मुताबिक अगर अध्यक्ष पर सदस्यों ने अविश्वास जताया है तो जब तक वे विश्वास मत हासिल नहीं कर लेते आसन पर नहीं जा सकते।
बता दें कि बिहार में सत्ता परिवर्तन के तुरंत बाद ही विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा को हटाने की कवायद शुरू हो गई थी। स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ विधानसभा सचिव को महागठबंधन की ओर से अविश्वास प्रस्वाव दे दिया गया था। सत्ताधारी दल के 50 से अधिक विधायकों का हस्ताक्षर किया हुआ अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा सचिवालय को दिया गया था। इस अविश्वास प्रस्ताव पर कल विधानसभा में चर्चा होना था लेकिन इससे पहले ही स्पीकर ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया। स्पीकर के इस फैसले से अब बिहार में संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है।