ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: पटना-अजीमाबाद एक्सप्रेस अब राजगीर तक चलेगी, नया शेड्यूल हुआ जारी Bihar News: मांग में सिंदूर भरते दूल्हा-दुल्हन को भागलपुर पुलिस ने पहुंचाया थाने, जमकर हुआ हंगामा Bihar Crime News: आरा में 2 भाइयों को अपराधियों ने मारी गोली, एक की मौत; दूसरे की हालत गंभीर Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में आज भीषण बारिश के आसार, उमस और गर्मी से मिलेगा छुटकारा; IMD का अलर्ट जारी Bihar News: बिहार में यहां 82KM ग्रीनफील्ड हाइवे का निर्माण, खर्च होंगे ₹2200 करोड़ Bihar News: बिहार कांग्रेस कैसे होगी जिंदा..नेता मैदान में उतरते ही नहीं ! कन्हैया कुमार हैं NSUI प्रभारी...आज इस संगठन ने विधानसभा का घेराव किया, राजधानी में रहने के बावजूद वे प्रोटेस्ट से दूर रहे... सहरसा के दो मजदूरों की ओडिशा में संदिग्ध मौत, परिजनों ने की जांच की मांग Bihar Politics: फूलन देवी की शहादत दिवस पर VIP की श्रद्धांजलि सभा कल, संजीव मिश्रा ने बताया सामाजिक न्याय का प्रतीक Bihar Politics: फूलन देवी की शहादत दिवस पर VIP की श्रद्धांजलि सभा कल, संजीव मिश्रा ने बताया सामाजिक न्याय का प्रतीक Bihar News: खेत में अचानक टूटकर गिरा हाई वोल्टेज बिजली तार, करंट लगने से युवक की दर्दनाक मौत

गांव के लोगों को रमेश के चले जाने का यकीन नहीं हो रहा, आतंकियों को मार गिराने के एक दिन पहले शहीद ने की थी पिता से बात

गांव के लोगों को रमेश के चले जाने का यकीन नहीं हो रहा, आतंकियों को मार गिराने के एक दिन पहले शहीद ने की थी पिता से बात

06-Feb-2020 09:25 AM

ARA : जम्मू कश्मीर में तीन आतंकियों को मार गिराने के बाद शहीद हुए सीआरपीएफ के रमेश रंजन के गांव के लोगों को अब भी उनके चले जाने का यकीन नहीं हो रहा है। भोजपुर जिले के जगदीशपुर के इसाढ़ी देव टोला में हर तरफ सन्नाटा पसरा है। परिवार के साथ साथ गांव के भी लोग भी गमगीन है लेकिन किसी को अब तक इस बात का यकीन नहीं हो रहा है कि सबका चहेता रमेश अब इस दुनिया में नहीं है। जम्मू कश्मीर के लवेपोरा इलाके में आतंकियों और सीआरपीएफ के बीच मुठभेड़ के दौरान रमेश रंजन वीरगति को प्राप्त हुए थे। हालांकि उन्होंने शहीद होने से पहले तीन आतंकियों को मार गिराया था। 


जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ के पहले रमेश रंजन की बातचीत उनके पिता से हुई थी। तब पिता राधा मोहन सिंह को इस बात की भनक नहीं थी कि थोड़ी देर में उनका बेटा शहीद हो जाएगा। रमेश रंजन लगभग 1 महीने पहले छुट्टियों में अपने घर आए थे। 30 साल के शहीद रमेश रंजन का चला जाना उनके परिवार के लिए बड़ी त्रासदी है बावजूद रमेश के पिता ने अपने बेटे के शहीद होने पर गर्व जताया है। रमेश रंजन अपने गांव के लोगों के चहेते थे। एक मिलनसार युवा जो देश की किस सेवा का जज्बा लिए सीआरपीएफ में बहाल हुआ था।


शहीद रमेश रंजन केक कमांडर ने घरवालों को फोन करके उनकी वीरता। की कहानी बताएं। कमांडर नहीं बताया था कि रमेश रंजन को भी। मुठभेड़ के दौरान गोली लगी है। लेकिन उसके थोड़े ही देर बाद उनके शहीद हो जाने की खबर आई। शहीद रमेश रंजन ने। 9 साल पहले सीआरपीएफ को अपनी सेवाएं देनी शुरू की थी। उनकी पहली पोस्टिंग, संबलपुर उड़ीसा में हुई और उसके बाद जम्मू-कश्मीर में वह अक्सर अपने परिवार वालों से कहा करते थे कि घाटी में आतंकियों पर हम भारी पड़ रहे हैं.. हमें बहुत मुस्तैद रहना है.. देश के लिए हमेशा मुस्तैद.