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05-Jun-2023 01:38 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार में भागलपुर के सुल्तानगंज से लेकर खगड़िया के अगुवानी घाट के बीच बन रहे पुल के ध्वस्त होने के बाद सरकार ने जांच का एलान किया है. लेकिन सत्तारूढ़ जेडीयू के विधायक ने ही सरकारी जांच के आदेश की पोल खोल दी है. जेडीयू के विधायक डॉ संजीव कुमार ने कहा-पुल गिरने के लिए सबसे बड़े जिम्मेवार बिहार के पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत हैं. जो दोषी है, वहीं जांच करेगा तो क्या हकीकत सामने आयेगी. सरकार मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराये और प्रत्यय अमृत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराये.
बता दें कि जेडीयू विधायक डॉ संजीव कुमार ने इस साल मार्च में ही बिहार विधानसभा में पुल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था. डॉ संजीव कुमार ने विधानसभा में कहा था कि निर्माणाधीन पुल के पायों में दरारें आ रही हैं. पिछले साल पुल का सुपर स्ट्रक्चर ध्वस्त हो चुका है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. 15 मार्च 2023 को डॉ संजीव कुमार के विधानसभा में ये सब कहने के बावजूद डिप्टी सीएम और पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव ने किसी गड़बड़ी की बात मानने से इंकार कर दिया था. तेजस्वी यादव ने कहा था कि वे जान माल की कोई क्षति नहीं होने देंगे. लेकिन इसके बाद पुल ही ध्वस्त हो गया.
प्रत्यय अमृत जिम्मेवार
जेडीयू विधायक डॉ संजीव कुमार ने आज मीडिया से बात की. उन्होंने बताया कि सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल में भ्रष्टाचार के सबूत के साथ उन्होंने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत से पहले ही मुलाकात की थी. उन्हें दिखाया था कि कैसे पुल के पायों में दरारें आ गयी हैं. लेकिन प्रत्यय अमृत बात मानने को तैयार नहीं हुए. वे किसी पाये का वीडियो दिखा कर कहने लगे कि जहां गड़बड़ी है वहां तोड़ कर नये सिरे से काम कराया जा रहा है. जेडीयू विधायक संजीव कुमार ने कहा कि उन्होंने प्रत्यय अमृत को पुल के जिस पाये में दरार आने की जानकारी सबूत के साथ दी थी, वही पाया रविवार को सबसे पहले ध्वस्त हुआ और फिर सब कुछ बर्बाद हो गया.
डॉ संजीव कुमार ने कहा कि ये साफ दिखाता है कि इस मामले में प्रत्यय अमृत खुद शामिल हैं. अब अगर सरकार उन्हें ही जांच का जिम्मा दे रही है तो इससे बडा मजाक क्या हो सकता है. जो खुद मुजरिम है वही जांच करेगा तो रिपोर्ट क्या आयेगी. सरकार इस मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराये. तभी सच्चाई सामने आ पायेगी. ये पता चल पायेगा कि कौन-कौन इस मामले में संलिप्त है. ये पूरा भ्रष्टाचार का खेल है.
विधायक डॉ संजीव कुमार ने कहा कि सरकार को प्रत्यय अमृत जैसे अधिकारी को तुरंत पद से हटाना चाहिये. वे ऐसे अधिकारी हैं जो स्वास्थ्य विभाग में जाते हैं तो खुद को सबसे बड़ा डॉक्टर समझने लगते हैं. पथ निर्माण विभाग में आते ही खुद को सिविल इंजीनियर घोषित कर देते हैं. अगर उन्हें लॉ डिपार्टमेंट का सचिव बना दिया जाये तो वे खुद को जज समझने लगेंगे. ऐसे अधिकारी के कारण ही सरकार बदनाम हुई है. डॉ संजीव ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने का टाइम मांगा है. मुख्यमंत्री से मिलकर कहेंगे कि प्रत्यय अमृत पर कार्रवाई करें.
नया पुल बनने से भ्रष्टाचार की कहानी खत्म नहीं होगी
डॉ संजीव कुमार ने कहा कि प्रत्यय अमृत कह रहे हैं कि सरकार वहां नया पुल बनायेगी. इससे पुराने पुल में भ्रष्टाचार का मामला खत्म नहीं हो जायेगा. ये तो वैसी ही बात हुई कि किसी आदमी की हत्या करने के उद्देश्य से गोली मार दी जाये. अगर वह आदमी इलाज के बाद बच जाये तो क्या गोली चलाने वाले का जुर्म खत्म हो जायेगा. डॉ संजीव कुमार ने कहा कि एसपी सिंघला नाम की कंपनी ने पुल बनाने का काम लेते ही पूरे इलाके में नंगा नाच किया. कम से कम 24 लोगों की हत्या की जा चुकी है. लोकल पुलिस को मैनेज कर भ्रष्टाचार से लेकर रंगदारी का खेल खेला जा रहा था. इसकी जानकारी अधिकारी को दी गयी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. पिछले साल 30 अप्रैल को जब पुल का सुपर स्ट्रक्चर ढहा था तब कार्रवाई की गयी होती तो ऐसी नौबत नहीं आती.