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24-Aug-2025 01:00 PM
By Viveka Nand
Bihar News: ग्रामीण कार्य विभाग के भ्रष्ट अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार राय के कारनामे इन दिनों चर्चा में है. चर्चा इसलिए भी ज्यादा है, क्यों कि इसने पत्नी के साथ मिलकर न जानें कितने लाख की करेंसी में आग लगा दी. धनकुबेर इंजीनियर रिश्वत का पैसा इनोवा गाड़ी में भरकर पटना लाया, घऱ में रखा, तभी आर्थिक अपराध इकाई की टीम पहुंच गई। इसके बाद इंजीनियर की पत्नी ने बचने के लिए करेंसी में आग लगाना शुरू किया. बताया जा रहा है कि रात भर में करीब 1 करोड़ रू जला दिया. इतना नोट जलाने के बाद भी ईओयू की टीम ने 52 लाख रू बरामद किया है. आखिर एक सरकारी सेवक के पास इतना पैसा कहां से आया ? यह सब रिश्वत का पैसा है, जिसे इंजीनियर ठेकेदारों से वसूल कर अपनी तिजोरी भर रहा था. वैसे विनोद राय अकेले ऐसे धनकुबेर इंजीनियर नहीं, बल्कि इसकी लंबी लिस्ट है. कई ऐसे भी अभियंता हैं, जिन्होंने संपत्ति अर्जित की या करने की कोशिश की और सरकार से छुपा लिया.
पथ निर्माण में कितने धनकुबेर इंजीनियर ?
ग्रामीण कार्य विभाग में ही नहीं बल्कि पथ निर्माण विभाग में भी कई ऐसे इंजीनियर हैं, जो धनकुबेर हैं. जिन्होंने सेवा काल में अकूत संपत्ति अर्जित की है. वे सरकार की नजरों से अपनी संपत्ति छुपाकर बैठे हैं. कई ऐसे इंजीनियर हैं जो बिहार सरकार की नजरों से बचने के लिए दूसरे राज्यों में अकूत संपत्ति अर्जित की है, ताकि आसानी से पकड़ में न आएं. विवादों में घिरे पथ निर्माण विभाग के एक कार्यपालक अभियंता की बात करते हैं. इंजीनियर साहब मगध इलाके में पोस्टिंग के दौरान अगस्त 2024 के बाद विवादों में घिरे. पहले करोड़ों के एक्स्ट्रा कैरेज के खेल को उभारा, इसके बाद पचाने की कोशिश की. खबर लीक हुई और बाहर आई. विवाद बढ़ने के बाद कार्यपालक अभियंता नप गए. बताया जाता है कि इस दौरान वे लाभान्वित हो चुके थे. अब इनके खेल को जानिए...
बाजार मूल्य 42 लाख वाली संपत्ति का एग्रीमेंट कराया, और छुपा लिया
पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता के बारे में तरह-तरह की चर्चा है. एक चर्चा जमकर संपत्ति बनाने को लेकर है. बताया जाता है कि कार्यपालक अभियंता ने हाल के वर्षों में माल कमाया और उसे जमीन-फ्लैट में लगाया है. कार्यपालक अभियंता ने वैसे तो कई सपंत्ति बनाई है, हालांकि कई प्रॉपर्टी को सरकार के समक्ष सार्वजनिक भी किया है. इन्होंने 2022 में दानापुर में कॉमर्शियल प्लॉट का एग्रीमेंट कराया है. इन्होंने इस बात को सरकार से छुपा लिया है. उक्त कार्यपालक अभियंता सिन्हा जी ने पत्नी के नाम पर पटना के रामनगरी इलाके में जिसका मूल्य 29 लाख 50 हजार और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में लगभग ढाई हजार वर्गफीट जमीन मूल्य-11.60 लाख है, के बारे में उल्लेख किया है, पर दानापुर इलाके में जिसका बाजार मूल्य 42 लाख है, जिसका इन्होंने एग्रीमेंट 2022 में ही कराया है, इसका जिक्र अपने संपत्ति के ब्योरा में नहीं किया है. जबकि किसी भी सरकारी सेवक जिसने संपत्ति रजिस्ट्री या एग्रीमेंट कराया है, उसका हर वर्ष घोषित किए जाने वाले संपत्ति का ब्योरा में उल्लेख करना है. अगर आपने सपंत्ति का जिक्र नहीं किया, उसे अवैध सपंत्ति मानी जाती है. मगर पथ निर्माण के उक्त विवादित कार्यपालक अभियंता ने इस बात को सरकार से छुपा लिया है. वैसे, इजीनियर साहब की चालाकी की अगली कड़ी में अगले खेल के बारे में बतायेंगे.