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19-Dec-2025 02:11 PM
By Viveka Nand
Bihar News: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद कई तरह के निर्णय लिए जा रहे हैं. कई स्तर पर सख्ती शुरू हो गई है. बेपटरी हो चुकी व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश शुरू हुई है. सिस्टम के ढीले-ढाले पेंच को कसने की कोशिश जारी है. सरकार ने विभागीय सचिवों से स्पष्ट कह दिया है, व्यवस्था में सुधार दिखनी चाहिए, क्यों कि जनता ने बेहतर व्यवस्था के लिए जनादेश दिया है.
पटना के विश्वेश्वरैया भवन में सरकार के कई महत्वपूर्ण विभाग हैं. पथ निर्माण-ग्रामीण सड़क, भवन निर्माण से लेकर कई अन्य डिपार्टमेंट के दफ्तर हैं, जहां मंत्री से लेकर सचिव और पूरा कार्यालय संचालित होता है. इंजीनियरिंग से जुड़े विभाग जहां ठेकेदारों का आना-जाना होता है. अब तक ठेकेदार अधिकारियों-इंजीनियरों के चेंबर में तो आते ही थे, सेक्शन में भी घूमते रहते थे, सेक्शन के कर्मियों से जानकारी लेते रहते थे.लेकिन अब व्यवस्था बदलती दिख रही है.
नई सरकार बनने के बाद भी ठेकेदार पहले की तरह अब भी विभाग के सेक्शन में घूमते पाए गए. इसके बाद सख्ती बढ़ गई है. इंजीनियरिंग से जुड़े विभाग के हाकिम ने एक ठेकेदार को सेक्शन में ही धर लिया. ठेकेदार सेक्शन में घूम रहा था, इसी बीच विभाग के बड़का हाकिम की नजर पड़ गई . बस क्या था...वे खुद ही ठेकेदार के पास पहुंच गए, पूछा- यहां क्या कर रहे, ठेकेदार ने जवाब दिया, काम के सिलसिले में आए हैं. इस पर बड़का साहब ने पूछा- समस्या है तो आप अधिकारी से पास जाएँगे या सेक्शन में ? ठेकेदार को कोई जवाब नहीं सूझा, इसके बाद साहब ने ठेकेदार को कसकर हड़काया. इतना ही नहीं, सेक्शन में अवैध तरीके से घूमने के जुर्म में ठेकेदार को उठक-बैठक कराई, इसके बाद उन्हें बाहर जाने की इजाजत मिली. गुरूवार की दोपहर जैसे ही ठेकेदार बड़े साहब के चंगूल में फंसे, उसके बाद पूरे विभाग में हड़कंप मच गया. दूसरे ठेकेदार जो रोज-रोज विभाग के सेक्सन में घूमते थे, वो हड़क गए. विभाग के कर्मी-जीनियर भी ठेकेदार को बेवजह आने से रोक रहे.
बता दें, बड़े साहब हाल में ही इंजीनियरिंग से जुड़े विभाग में प्रमुख बनकर आए हैं. वे कड़क स्वभाव के माने जाते हैं. सरकार ने इन्हें विकास कार्यों में तेजी लाने, गांव की लाइफ लाइन को दुरूस्त करने करने को लेकर इस महत्वपूर्ण विभाग का दायित्व दिया है. चार्ज लेने के बाद से ही विभागीय प्रमुख लगातार ठेकेदारों को टाइट करने में जुटे हैं,ताकि रूकी हुई योजनाओं पर काम शुरू हो.