ब्रेकिंग न्यूज़

vigilance bureau bihar : 5,000 रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुआ ASI, निगरानी ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई Oscar Shortlist Homebound: ऑस्कर 2026 के लिए शॉर्टलिस्ट हुआ 'होमबाउंड', करण जौहर के लिए गर्व का पल Bihar IPL Cricketers: बिहार के क्रिकेटरों की धाक! IPL में ईशान किशन से लेकर वैभव सूर्यवंशी तक; यहां देखें पूरी लिस्ट IIMC Vacancy: भारतीय जन संचार संस्थान में नौकरी पाने का मिल रहा सुनहरा अवसर, योग्य अभ्यर्थी समय रहते करें आवेदन.. नितिन नबीन को राष्ट्रीय फलक पर लाना बिहार की युवा पीढ़ी का सम्मान: सम्राट चौधरी Bihar News: बिहार के इस ग्रीनफील्ड फोरलेन का काम समाप्ति की ओर, जमीन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी से स्थानीय लोग उत्साहित Education Department : पति-पत्नी को एक साथ मिला जिला शिक्षा पदाधिकारी का नोटिस, जानिए क्या रही वजह Bihar Bhumi: बिहार के सभी ADM-DCLR और CO को पटना बुलाया गया, भू स्वामियों की सहूलियत को लेकर डिप्टी CM विजय सिन्हा की बड़ी पहल Dhurandhar OTT Release: थिएटर के बाद ओटीटी पर रिलीज के लिए तैयार है ‘धुरंधर’, जान लें डेट BIHAR SCHOOL NEWS : बिहार की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव, सरकारी स्कूलों की कमान अब कॉम्प्लेक्स रिसोर्स सेंटर के हाथ; जानिए क्या होगा फायदा

OM Birla DM Controversy: स्पीकर ओम बिरला के साथ DM के बर्ताव पर विवाद गहराया, लोकसभा सचिवालय ने मांगा जवाब

OM Birla DM Controversy: लोक सचिवालय की चिट्ठी में खुलासा हुआ है कि ओम बिरला के मसूरी दौरे के दौरान डीएम को कई बार कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने न तो कॉल रिसीव किए और न ही प्रोटोकॉल का पालन किया। इसी को लेकर अब विवाद गहराता जा रहा है।

OM Birla DM Controversy

03-Jul-2025 11:16 AM

By First Bihar

OM Birla DM Controversy:  हाल ही में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला मसूरी गए थे, लेकिन वहां उन्हें मिलने वाले प्रशासनिक समर्थन को लेकर प्रोटोकॉल विभाग ने सवाल उठाए हैं। आरोप है कि डीएम साविन बंसल ने स्पीकर के दौरे में आवश्यक प्रोसेक्शन, सवारी इंतजाम, कॉल रिस्पॉन्स आदि में लापरवाही बरती है। साथ ही जब बार-बार संपर्क करने की कोशिश की गई, तब जवाब नहीं आया। यहां बताया जा रहा है कि किसी कार्यक्रम की सूचना तक समय पर नहीं दी गई, जिससे टीम को तैयारी का समय नहीं मिला।


दरअसल, प्रोटोकॉल विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने एक चिट्ठी लिखा हैं, जिसमें कहा गया है कि स्पीकर के दौरे के दौरान डीएम ने नियमों का पालन नहीं किया, और आवश्यक सहयोग कहीं भी नहीं दिखा। कहा गया कि “उन्हें जो मदद चाहिए थी, वो भी स्वयं नहीं मिली”। बाद में जब स्पीकर कार्यालय ने खुद मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क किया, तब जाकर डीएम टीम सक्रिय हुई।


उत्तराखंड सरकार ने खुद इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए डीएम से तुरंत स्पष्टीकरण मांगा है। लोक सचिवालय से भी पत्र भेजा गया, जिसमें साफ कहा गया है कि डीएम ने कई बार कॉल रिस्पॉन्स तक नहीं किया था। स्थिति अब केंद्र सरकार के सिरे पर पहुंच चुकी है। इस मामले में डीएम साविन बंसल का कहना है, “इस मामले पर चर्चा हो चुकी है, मैं और अधिक कुछ बता नहीं सकता।” उन्होंने सहमति दी कि बातचीत हुई है, लेकिन बाकी विवरण फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया जा सकते।


यह पहली बार नहीं है जब अधिकारियों को प्रोकोल मैनेजमेंट के कारण आलोचना झेलनी पड़ी हो। उदाहरणस्वरूप, न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के महाराष्ट्र दौरे के दौरान भी कहा गया था कि “प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ था“, जिससे उस समय भी गलाफती हो चुकी थी। प्रोटोकॉल विभाग डीएम का स्पष्टीकरण मिलने तक इंतज़ार करेगा, उसके बाद जांच के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। क्या डीएम भूमिका से हटाए जाएंगे, नोटिस जारी किया जाएगा या कोई सुधारात्मक प्रशिक्षण दिया जाएगा। केंद्र–राज्य स्तर पर आलोचना बढ़ने से विभागीय प्रक्रिया भी तेज हो सकती है।