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21-Dec-2025 03:38 PM
By First Bihar
Inter Caste Marriage Scheme: सरकार ने समाज में अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए डॉ. आंबेडकर सामाजिक समरसता इंटरकास्ट विवाह योजना लागू की है। इस योजना के तहत पात्र दंपती को कुल 2.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। विवाह में पति या पत्नी में से कोई एक अनुसूचित जाति से होना आवश्यक है और शादी हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत कानूनी रूप से पंजीकृत होनी चाहिए। सहायता की राशि दो चरणों में दी जाती है, पहले 1.50 लाख रुपये सीधे संयुक्त बैंक खाते में और शेष 1 लाख रुपये तीन साल की एफडी में सुरक्षित रखे जाते हैं। आवेदन ऑनलाइन किया जाता है और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना अनिवार्य है।
दरअसल, यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रोत्साहित किया जा रहा है। बता दें कि योजना का लाभ उठाने के लिए आवश्यक है कि पति या पत्नी में से कोई एक अनुसूचित जाति से हो और विवाह कानूनी रूप से पंजीकृत हो, जो हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के अंतर्गत होना चाहिए। शादी के बाद आवेदन करने की समय-सीमा एक साल निर्धारित की गई है। सरकार पूरी रकम एक साथ नहीं देती। पहले चरण में 1.50 लाख रुपये सीधे दंपती के संयुक्त बैंक खाते में भेजे जाते हैं, जबकि बाकी 1 लाख रुपये तीन साल की एफडी के रूप में सुरक्षित रखे जाते हैं, ताकि भविष्य में इसका लाभ सुनिश्चित हो सके।
आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। इच्छुक दंपती उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन फॉर्म में शादी, जाति और बैंक से जुड़ी जानकारी सही ढंग से भरनी आवश्यक है। आवेदन के दौरान जरूरी दस्तावेजों में विवाह प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, पहली शादी का प्रमाण, शपथ पत्र, आय प्रमाण पत्र और संयुक्त बैंक अकाउंट से जुड़े दस्तावेज शामिल हैं। सफल आवेदन के बाद दंपती को पावती रसीद भी जारी की जाती है।
यह योजना केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में जातिगत भेदभाव को कम करने और अलग जातियों के बीच विवाह को सामाजिक मान्यता दिलाने का भी माध्यम है। सरकार इस योजना को एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव के रूप में देखती है, जिससे समाज में समानता और मेल-जोल बढ़े। भविष्य में इस योजना के विस्तार के माध्यम से अधिक दंपती लाभान्वित हो सकेंगे और समाज में अंतरजातीय विवाह को और मजबूत समर्थन मिलेगा।