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24-Dec-2025 03:56 PM
By First Bihar
Delhi Metro Project 2025 : नए साल से पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर के निवासियों, विशेषकर सरकारी कर्मचारियों और दैनिक यात्रियों के लिए एक बड़ी सौगात दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में दिल्ली मेट्रो के चरण-V (A) यानी Phase-VA के विस्तार को मंजूरी दे दी गई। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग में इस ऐतिहासिक फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि इस परियोजना पर लगभग 12,015 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इस विस्तार के पूरा होने के बाद दिल्ली मेट्रो नेटवर्क 400 किलोमीटर की दूरी पार कर लेगा, जिससे यह दुनिया के तीसरे सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क के रूप में उभरेगा। वर्तमान में भारत में मेट्रो नेटवर्क की लंबाई चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर है। इस परियोजना से दिल्ली की लाइफलाइन और अधिक सशक्त होगी और राजधानीवासियों को आधुनिक, तेज़ और सुरक्षित परिवहन का विकल्प मिलेगा।
परियोजना की मुख्य विशेषताएँ:
कुल बजट: ₹12,015 करोड़
लंबाई: 16 किलोमीटर का नया कॉरिडोर
स्टेशनों की संख्या: 13 नए स्टेशन, जिनमें 10 भूमिगत और 3 एलिवेटेड होंगे
समय सीमा: 3 साल के भीतर परियोजना का पूरा होना
इस परियोजना का सबसे बड़ा लाभ पर्यावरण को होगा। सरकार के मुताबिक, इस नए विस्तार से प्रति वर्ष 33,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड ($CO_2$) उत्सर्जन में कमी आएगी। यह न केवल दिल्ली की हवा को स्वच्छ बनाएगा बल्कि निजी वाहनों पर निर्भरता भी कम करेगा। इसके साथ ही, समय की बचत होगी और यातायात के बोझ में कमी आएगी।
केंद्रीय कर्मचारियों और कर्तव्य भवन का सीधा फायदा
Phase-VA का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह कॉरिडोर सीधे कर्तव्य भवन (सेंट्रल विस्टा क्षेत्र) से जुड़ेगा। इससे केंद्र सरकार के लगभग 60,000 कर्मचारियों को प्रतिदिन होने वाले आवागमन में सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, रोज़ाना 2 लाख आगंतुक भी सीधे इस मेट्रो नेटवर्क का लाभ उठा सकेंगे। केंद्रीय अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए यह विकास कार्य न केवल सुविधाजनक होगा बल्कि उनके समय और ऊर्जा की बचत भी करेगा।
मैजेंटा लाइन का विस्तार
इस नए कॉरिडोर का विकास मैजेंटा लाइन के विस्तार के रूप में किया जाएगा। नया मार्ग आरके आश्रम से इंद्रप्रस्थ तक जाएगा। इस विस्तार में शामिल प्रमुख स्टेशनों में आरके आश्रम, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरियट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल/हाई कोर्ट-बरौदा हाउस, भारत मंडपम और इंद्रप्रस्थ प्रमुख हैं। इस विस्तार से न केवल केंद्र सरकार के कार्यालयों तक पहुंच आसान होगी, बल्कि दिल्ली के विभिन्न हिस्सों और एनसीआर के संपर्क को भी मजबूती मिलेगी।
65 लाख यात्रियों का भरोसा
वर्तमान में दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन लगभग 65 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है और इसका मौजूदा नेटवर्क 395 किलोमीटर में फैला है। 16 किलोमीटर के इस नए विस्तार के बाद यह संख्या और बढ़ेगी। नए स्टेशनों और बेहतर कनेक्टिविटी से दैनिक यात्रियों को यात्रा में समय की बचत होगी और परिवहन व्यवस्था और अधिक सुगम और सुरक्षित बनेगी।
पर्यावरण और जीवनशैली पर असर
इस परियोजना से दिल्लीवासियों के लिए केवल परिवहन का साधन ही नहीं बढ़ेगा, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्बन उत्सर्जन में कमी के साथ ही, निजी वाहनों की संख्या में भी कमी आएगी, जिससे शहर में प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी। वहीं, सरकारी कर्मचारियों और दैनिक यात्रियों के लिए यह विस्तार कार्यक्षमता और सुविधा को बढ़ाएगा, जिससे राजधानी में आवागमन का अनुभव और बेहतर होगा।
दिल्ली मेट्रो Phase-VA का विस्तार राजधानीवासियों और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय साबित होगा। इस परियोजना से न केवल दिल्ली का मेट्रो नेटवर्क और मजबूत होगा, बल्कि एनसीआर और दिल्ली के आंतरिक क्षेत्रों में कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। पर्यावरण संरक्षण, समय की बचत, यात्रियों की सुविधा और प्रदूषण में कमी जैसे कई पहलू इस परियोजना को विशेष बनाते हैं। ऐसे में यह कदम दिल्लीवासियों के लिए नए साल की एक बड़ी सौगात के रूप में देखा जा सकता है।