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12-Oct-2025 09:50 AM
By First Bihar
Land for Job Case : बिहार की सियासत के लिए आने वाला 13 अक्टूबर का दिन बेहद अहम साबित हो सकता है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आज दिल्ली रवाना हो रहे हैं। यह दौरा राजनीतिक नहीं बल्कि न्यायिक है, क्योंकि 13 अक्टूबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में ‘लैंड फॉर जॉब’ (Land for Job Scam) मामले में फैसला आने वाला है।
इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने पहले ही सभी आरोपियों को 13 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है। इसी निर्देश के तहत तीनों—लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव आज दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन तीनों के साथ आरजेडी के कई वरिष्ठ नेता भी दिल्ली पहुंचेंगे।
इस केस में लालू परिवार के अलावा कई अन्य आरोपियों के नाम भी शामिल हैं। सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दायर करते हुए आरोप लगाया था कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने जमीन के बदले नौकरियां दीं, यानी जिन उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी दी गई, उनके परिवारों ने बदले में अपनी जमीन लालू परिवार या उससे जुड़े लोगों के नाम की।
यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई के मुताबिक, इस दौरान रेलवे में नौकरी देने के नाम पर बिहार और झारखंड के कई लोगों से जमीन ली गई। इन जमीनों को कथित रूप से यादव परिवार से जुड़े लोगों या कंपनियों के नाम पर ट्रांसफर कराया गया। सीबीआई का दावा है कि जमीनें मार्केट मूल्य से बहुत कम कीमत पर खरीदी गईं, और इसके एवज में उन परिवारों को रेलवे में नौकरी दी गई। इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव समेत कई लोगों पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाए हैं।
राउज एवेन्यू स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में इस मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद 25 अगस्त को जज विशाल गोगने की अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब 13 अक्टूबर को इसी मामले में फैसला सुनाया जाएगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना अनिवार्य होगा, इसलिए लालू यादव समेत सभी अब दिल्ली पहुंच रहे हैं।
बिहार की राजनीति में लालू परिवार की भूमिका हमेशा से अहम रही है। ऐसे में इस फैसले पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं। अगर अदालत का फैसला लालू परिवार के पक्ष में आता है, तो यह आरजेडी और महागठबंधन के लिए बड़ी राहत होगी, खासकर ऐसे वक्त में जब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तैयारियां जोरों पर हैं।वहीं, अगर फैसला प्रतिकूल रहा, तो विपक्ष खासकर बीजेपी इसे चुनावी मुद्दा बनाने में देर नहीं लगाएगा।
तेजस्वी यादव के लिए यह मामला एक राजनीतिक परीक्षा जैसा है। वे लगातार कहते रहे हैं कि यह केस राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। तेजस्वी ने पहले भी कहा था कि “हमने कोई गलत काम नहीं किया है, सच्चाई हमारे साथ है।” वहीं, लालू यादव पहले से ही चारा घोटाले में सजा काट चुके हैं और अब इस नए केस का फैसला उनके राजनीतिक भविष्य को और प्रभावित कर सकता है।
जैसे-जैसे 13 अक्टूबर नजदीक आया है, बिहार की सियासत में हलचल बढ़ती जा रही है। आरजेडी खेमे में एक ओर विश्वास और उम्मीद का माहौल है, वहीं एनडीए खेमे में यह चर्चा है कि अगर लालू परिवार पर फैसला प्रतिकूल गया, तो इसका राजनीतिक असर आरजेडी पर निश्चित रूप से पड़ेगा। अब सबकी निगाहें 13 अक्टूबर पर टिकी हैं, जब राउज एवेन्यू की सीबीआई कोर्ट में जज विशाल गोगने इस बहुचर्चित मामले में फैसला सुनाएंगे। लालू, राबड़ी और तेजस्वी तीनों की उपस्थिति में होने वाला यह फैसला न सिर्फ परिवार बल्कि बिहार की राजनीति की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।