Bihar assembly elections : भाकपा माले और राजद में शह -मात का खेल; सीटों को लेकर तनातनी ; पाली और घोषी पर घमासान Lokah Chapter 1: ‘लोका चैप्टर 1 – चंद्रा’ OTT पर आने को तैयार, जानें रिलीज डेट और प्लेटफॉर्म Bihar Election 2025: बिहार की इस सीट से चुनाव लड़ेंगी पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह, निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने की तैयारी Bihar Election 2025: बिहार की इस सीट से चुनाव लड़ेंगी पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह, निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने की तैयारी Bihar News: बिहार में बकरी की पीट-पीटकर हत्या, थाने पहुंचा मामला; जमकर हुआ बवाल Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025: 78 विधायक पर नहीं है कोई मुकदमा , पूर्वी बिहार में सबसे ज्यादा “जीरो एफआईआर” वाले नेता जी;पढ़िए पूरा डाटा Bihar Crime News: बिहार में सिर कटा शव मिलने से सनसनी, खेत की रखवाली करने के दौरान बदमाशों ने शख्स को मौत के घाट उतारा BIHAR ELECTION : NDA में सीट बंटवारा के बाद उठी नाराजगी को दूर करने को लेकर तैयार हुआ बड़ा प्लान; BJP और JDU ने बनाया मास्टरप्लान Bihar News: बिहार में मिठाई दुकान में सिलेंडर ब्लास्ट, तीन दुकानें जलकर हुईं राख; पुलिसकर्मी समेत चार लोग झुलसे Bihar News: बिहार में मिठाई दुकान में सिलेंडर ब्लास्ट, तीन दुकानें जलकर हुईं राख; पुलिसकर्मी समेत चार लोग झुलसे
13-Oct-2025 07:47 AM
By First Bihar
IRCTC Scam Case: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है और प्रदेश में नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। ऐसे में राज्य की सियासत को झकझोर देने वाला एक बड़ा फैसला सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से आने वाला है। कोर्ट आज बहुचर्चित आईआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले में आरोप तय करने पर फैसला सुनाएगी। अदालत ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित अन्य सभी 14 आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है। इसके मद्देनज़र लालू परिवार रविवार को ही दिल्ली पहुंच चुका है।
यह मामला उस वक्त का है जब लालू प्रसाद 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे। सीबीआई की जांच के अनुसार, इस दौरान भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी आईआरसीटीसी (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) के दो होटलों — एक रांची और दूसरा पुरी में — के रखरखाव और संचालन के ठेकों में गंभीर अनियमितताएं बरती गईं। जांच एजेंसी का आरोप है कि इन ठेकों के बदले में लालू परिवार से जुड़ी एक बेनामी कंपनी “डेवलपर्स होटल प्राइवेट लिमिटेड” को लाभ पहुंचाया गया। यह कंपनी कथित रूप से वीजारिया ग्रुप से जुड़ी थी, जिसने लालू के परिवार से जुड़ी एक कंपनी को पटना में तीन एकड़ कीमती जमीन औने-पौने दामों पर ट्रांसफर की थी।
सीबीआई ने 7 जुलाई 2017 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी और इसके बाद पटना, नई दिल्ली, रांची और गुरुग्राम स्थित लालू परिवार व उनके सहयोगियों के 12 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। एफआईआर में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव के अलावा आईआरसीटीसी के तत्कालीन निदेशक, होटल कंपनियों के अधिकारी और निजी व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया है।
सीबीआई का दावा है कि जांच के दौरान एकत्र किए गए दस्तावेज, गवाहों के बयान और बैंक ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड इस बात की पुष्टि करते हैं कि ठेके की प्रक्रिया में जानबूझकर अनियमितता की गई और बदले में जमीन का सौदा कराया गया। एजेंसी का कहना है कि इन सबूतों के आधार पर सभी आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
वहीं, लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार ने इन आरोपों को पूरी तरह से राजनीतिक साजिश बताया है। लालू के वकील का कहना है कि इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं है और न ही किसी सरकारी नियम का उल्लंघन सिद्ध हुआ है। उन्होंने तर्क दिया कि यह मामला पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से प्रेरित है और इसे चुनाव से पहले लालू परिवार की छवि खराब करने के उद्देश्य से उछाला जा रहा है।
विशेष बात यह है कि यह फैसला ऐसे समय में आ रहा है जब बिहार में विधानसभा चुनाव अपने चरम पर हैं। तेजस्वी यादव महागठबंधन के प्रमुख चेहरा हैं और यदि अदालत का आदेश उनके खिलाफ जाता है, तो यह चुनावी समीकरणों पर बड़ा असर डाल सकता है। दूसरी ओर, अगर लालू परिवार को राहत मिलती है, तो यह विपक्ष के लिए एक मनोबल बढ़ाने वाला फैसला होगा।
अब सबकी निगाहें राउज एवेन्यू कोर्ट पर टिकी हैं, जहां से सोमवार को यह तय होगा कि लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर मुकदमा चलेगा या नहीं। अदालत का यह फैसला न केवल कानूनी रूप से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि बिहार की चुनावी राजनीति की दिशा भी तय कर सकता है।