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13-Oct-2025 08:40 AM
By First Bihar
Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी हलचल चरम पर है। इस बीच राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) की अहम बैठक रविवार को पटना में समाप्त हुई। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक में गठबंधन को लेकर कई घंटे तक चर्चा हुई, लेकिन अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका। पार्टी ने अब फैसला सोमवार रात या मंगलवार तक घोषित करने का संकेत दिया है।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पशुपति पारस ने कहा कि गठबंधन को लेकर अभी कोई देरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “किसी भी गठबंधन में सीट शेयरिंग अभी तक फाइनल नहीं हुई है। जब फाइनल होगा, तब हम निर्णय लेंगे। 17 अक्टूबर तक नामांकन की अंतिम तारीख है। इसलिए 14 अक्टूबर को तय करेंगे कि पार्टी का अगला रुख क्या होगा।” पारस ने साफ किया कि पार्टी जल्द ही अपने स्टैंड की घोषणा करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं—चाहे आरजेडी से गठबंधन करना हो, किसी तीसरे मोर्चे में शामिल होना हो, या फिर अकेले चुनाव मैदान में उतरना।
बैठक के बाद पूर्व सांसद सूरजभान सिंह से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वे या उनके परिवार के सदस्य आरजेडी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे, तो उन्होंने स्पष्ट कहा, “ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ है। मैं अभी भी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी में हूं। जहां तक गठबंधन और सीट बंटवारे का सवाल है, इसका फैसला पारस जी करेंगे।”
सूरजभान ने कहा कि “फैसले के लिए सारा अधिकार पारस जी को दे दिया गया है। बाकी राजद वाली जो बात आप पूछ रहे हैं, उसके जवाब के लिए थोड़ा इंतजार करिए।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरएलजेपी के आरजेडी में विलय को लेकर जो अफवाहें चल रही हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी की ओर से पशुपति पारस को अपनी पार्टी का आरजेडी में विलय करने पर तीन सीटों का प्रस्ताव दिया गया है। लेकिन पारस इस शर्त पर राजी नहीं हैं। उनका कहना है कि वे अपनी पार्टी की पहचान बनाए रखना चाहते हैं। इसी कारण आरजेडी के साथ उनकी बातचीत अब तक फाइनल नहीं हो सकी है।
वहीं, यह भी चर्चा है कि अगर आरजेडी से बात नहीं बनी तो पशुपति पारस बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) और एआईएमआईएम (असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी) के साथ गठबंधन कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार पारस की ओर से ओवैसी के साथ अनौपचारिक बातचीत भी हुई है। अगर यह समीकरण बनता है तो बिहार में तीसरा मोर्चा और मजबूत हो सकता है।
उधर, आरजेडी ने सूरजभान सिंह और उनके परिवार को अपने सिंबल पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है। सूत्रों के मुताबिक आरजेडी ने सूरजभान की पत्नी वीणा देवी को मोकामा सीट से और उनके भाई चंदन सिंह को लखीसराय से चुनाव मैदान में उतारने का ऑफर दिया है। खास बात यह है कि मोकामा सीट पर वीणा देवी को अनंत सिंह के खिलाफ और लखीसराय में चंदन सिंह को डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के सामने उतारने का प्रस्ताव मिला है। हालांकि, इस पर सूरजभान परिवार ने अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। पार्टी का कहना है कि अंतिम फैसला पारस जी लेंगे।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बिहार की सियासत में अगले 48 घंटे काफी अहम होंगे। पशुपति पारस अगर आरजेडी से हाथ मिलाते हैं तो महागठबंधन को एक नई ताकत मिलेगी, वहीं अगर वे बीएसपी या एआईएमआईएम के साथ जाते हैं तो विपक्षी वोटों में और बिखराव हो सकता है।
फिलहाल सभी की निगाहें सोमवार रात या मंगलवार तक आने वाले उस “अंतिम निर्णय” पर टिकी हैं, जिसका ऐलान पशुपति पारस ने खुद करने की बात कही है। बिहार की राजनीति में यह फैसला कई समीकरणों को बदल सकता है।