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03-Oct-2025 03:40 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार विधानसभा का चुनाव सामने है. चुनावी बिगुल बजने में अब कुछ दिनों का ही समय बचा है. लिहाजा सभी संभावित प्रत्याशी तरह-तरह के हथकंडा अपना रहे. कई ऐसे संभावित प्रत्याशी हैं, जो चेहरे पर नकाब लगाकर मतदाताओं को झांसा देने में जुटे हैं. हालांकि वैसे दागी नेताओं को बेनकाब करने की मुहिम लगातार जारी है. अब लीजिए न...लोजपा(रा) के एक नेता हैं, उनका चाल-चरित्र और चेहरा कैसा है, क्षेत्र के लोग अच्छे से जानते हैं. चुनाव से पहले वो भी चेहरे पर नकाब लगाकर वोटरों के हितैषी बनने में जुटे हैं. खासकर भाजपा के कोर वोटर्स के बीच. जिस जाति को सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया, उसी जाति का सम्मेलन करा रहे. सवाल यही है कि क्या जातीय सम्मेलन कराने से लोजपा (रामविलास) के नेता के दामन पर जो दाग लगे हैं , वो मिट जाएंगे ?
साधु के वेश में...घूम रहा भेड़िया !
बात औरंगाबाद जिले की एक विधानसभा क्षेत्र की कर लेते हैं. यहां भी साधु के वेश में भेड़िया घूम रहा. लोजपा(रामविलास) का जो नेता इन दिनों साधु बनकर घूम रहा, वो स्थाई तौर पर साधु के वेष में नहीं घूमता, चूंकि चुनाव सामने है, लिहाजा साधु का वेष धारण करना मजबूरी है. लोजपा(रामविलास) का यह नेता विधानसभा चुनाव लड़ने को बेचैन है.चुनावी तैयारी को लेकर खूब पसीना बहा रहा. विरोधियों को झांसा देने की कोशिश कर रहा. इसके लिए उक्त जाति के कई विभीषण को अपने पाले में मिलाकर खुद को उस जाति का सच्चा हितैषी बताने में जुटा है. इसकी तस्वीर 28 सितंबर को दिखी. जब विधानसभा क्षेत्र में ब्रह्मर्षि सम्मेलन कराया. जानकार बताते हैं कि, लोजपा(रामविलास) के उक्त नेता ने जिस जाति का सम्मेलन कराया, उसी जाति के लोगों को लंबे समय से प्रताड़ित कर रहा. इस नेता से उस इलाके के इस वर्ग के लोग सबसे ज्यादा प्रताड़ित हैं.
औरंगाबाद के इस विधानसभा में जातीय सम्मेलन
बिहार विधानसभा का चुनाव सामने है, औरंगाबाद के जिस विधानसभा क्षेत्र में लोजपा तैयारी में जुटे हैं, वहां उनसे प्रताड़ित समाज के वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. प्रताड़ना की वजह से इस जाति के लोग लोजपा नेता से खासे नाराज हैं. इस बार के चुनाव में अगर लोजपा(रामविलास) के य़े नेता एनडीए प्रत्याशी हो भी गए, फिर भी सबक सिखाने की तैयारी है. साधु के वेश में घूम रहे लोजपा(रामविलास) नेता को इस बात की खबर लग गई है। लिहाजा एक तरकीब निकाली. साधु के वेश में घूम रहे इस नेता ने उसी समाज के मुट्ठी भर लोगों को तैयार किया. कुछ को प्रलोभन देकर साथ लिया. इसके बाद क्षेत्र में ब्रह्मर्षि सम्मेलन कराकर मैसेज दिया कि इस जाति के वोटर्स हमारे लिए जयकारा लगा रहे.
चर्चा-पिटाई कराने वाला सम्मेलन कैसे कराने लगा ?
जैसे ही यह खबर सामने आई, तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई। सम्मेलन की तस्वीर देखकर सबकुछ क्लियर हो गया. जो लोग गए थे, उनके बारे में चर्चा चल पड़ी है, क्या यही लोग क्षेत्र के वोटर्स हैं ? इन्हीं से नेता जी की नैया पार लगेगी....? इस समाज में अब जबरदस्त चर्चा है कि जो नेता साधु के वेष में घूम रहा, सम्मेलन करा रहा, उसके बारे में ब्रह्मर्षि समाज के वोटर्स क्या इतने अनजान हैं? क्या वे नहीं समझ रहे कि जो घूम रहा,सम्मेलन करा रहा, वो शुभचिंतक है या दुश्मन ? क्या समाज का सम्मेलन करा देने से, समाज के 10-20 लोगों को जुटाने से दाग धूल जाएँगे ? हालांकि इस विधानसभा क्षेत्र के लोग चेहरे पर नकाब लगाकर घूम रहे नेताजी के चरित्र से भली भांति वाकिफ हैं.
नेताजी पर CO से लेकर शिक्षक की पिटाई का हुआ है केस
उस विधानसभा का भूमिहार समाज समझ रहा, इस जातीय सम्मेलन का मकसद क्या है..समाज के मुट्ठी भर लोग ब्रह्मर्षि सम्मेलन में गए,वो कैसे गए,जाने की क्या कीमत ली? प्रबुद्ध समाज माने जाने वाला यह वर्ग पूरे खेल को समझ रहा है. बता दें, साधु के वेश में घूम रहा लोजपा(रामविलास) के इस नेता पर गंभीर आरोप लगे हैं, सीओ पर हमला-मारपीट से लेकर क्षेत्र के एक शिक्षक जो इस जाति का था, उस पर जानलेवा हमला कराने, बीच सड़क पर हथियार लेकर गुंडागर्दी और मारपीट करने के आरोप लगे हैं. थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ. जिस जाति का सम्मेलन करा रहा, कुछ समय पहले इसी जाति के शिक्षक की जमकर पिटाई की गई थी, वो तस्वीर जब सामने आई थी,तब भारी बवेला मचा था.
बता दें, 2020 के विधानसभा चुनाव में यह नेता चिराग पासवान की पार्टी से ही इस विधानसभा क्षेत्र से भाग्य आजमाया था. हालांकि हार का सामना करना पड़ा था. इस बार भी उसी विधानसभा क्षेत्र के किस्मत आजमाना चाहते हैं. वो भी लोजपा (रा) के टिकट से. हालांकि वो सीट चिराग पासवान की पार्टी के खाते में जाएगी, इसकी संभावना कम ही है. टिकट नहीं मिलने पर ये नेताजी दूसरे दल या निर्दलीय भी किस्मत आजमाने की फिराक में हैं.