RSS: ‘सोने की चिड़िया’ नहीं, भारत को अब ‘शेर’ बनना है, दुनिया को सिर्फ शक्ति की भाषा समझ आती है: मोहन भागवत Bihar News: हमेशा के लिए बदल जाएगी बिहार के इस जिले की तस्वीर, 106 योजनाओं पर खर्च होंगे ₹59 करोड़ Bihar News: 2020 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार होंगे कम मतदाता, पिछली बार 2005 में हुआ था ऐसा INDvsENG: टेस्ट क्रिकेट में भारत ने बनाया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड, 148 साल से नहीं हुआ था यह कारनामा Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में आज बारिश का अलर्ट, वज्रपात को लेकर भी IMD ने किया सावधान अमरनाथ एक्सप्रेस की बोगी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, समस्तीपुर में भर्ती फतुहा में पुनपुन नदी में नाव पलटी, दो लापता; 18 लोग तैरकर बचे नीसा देवगन बनीं ग्रेजुएट, काजोल ने चिल्लाकर कहा.. ‘कम ऑन बेबी’, वीडियो वायरल अरवल: हत्या के दो फरार आरोपियों के घर पुलिस ने चिपकाया इस्तेहार, 30 दिन में सरेंडर का आदेश बिहार में शराब तस्करी का खेल जारी: अंडे की कैरेट के बीच छिपाकर मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी 3132 लीटर विदेशी शराब, ट्रक जब्त
06-Jun-2025 05:32 PM
By FIRST BIHAR
Ram Mandir Fraud: जनवरी 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर जब पूरी राम नगरी दीपों से जगमगा रही थी, उसी दौरान एक साइबर अपराधी ने श्रद्धा को कारोबार बना डाला। आरोपी ने राम मंदिर के प्रसाद वितरण के नाम पर 6 लाख 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को ऑनलाइन ठग लिया।
आरोपी आशीष ने सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन माध्यमों के जरिए एक वेबसाइट और पेमेंट गेटवे बनाया, जहां श्रद्धालुओं से मात्र 51 में रामलला का प्रसाद घर तक पहुंचाने का वादा किया गया। लोगों ने श्रद्धा के साथ पैसे भेजे, लेकिन किसी को प्रसाद नहीं मिला।
इस फर्जी योजना से 3.85 करोड़ की ठगी की गई। शिकायत मिलने पर अयोध्या साइबर थाना ने तत्काल मुकदमा दर्ज किया और एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर के नेतृत्व में आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। अयोध्या पुलिस ने 3.85 करोड़ में से 2.15 करोड़ रुपए फ्रीज कर पीड़ितों के खातों में वापस करा दिए हैं। बाकी 1.70 करोड़ की रिकवरी प्रक्रिया जारी है, जिसे जल्द लौटाए जाने का दावा किया जा रहा है।
यह मामला साइबर अपराध के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी में से एक है और यह श्रद्धा के नाम पर हो रहे ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ एक बड़ी चेतावनी भी है। पुलिस ने अपील की है कि कोई भी धार्मिक सेवा या योजना, चाहे वह भगवान के नाम पर हो या किसी मंदिर से जुड़ी हो, उसे पहले जांचें, सत्यापित करें और सोच-समझकर ही धन भेजें।