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Bihar police news: उधारी के विवाद में व्यापारी को झूठे केस में फंसाना दारोगा को पड़ा भारी, DIG ने किया सस्पेंड, DSP पर भी जांच शुरू

Bihar police news: बिहार के मोतिहारी में एक व्यवसायी से उधारी का पैसा न लौटाने और झूठे अपहरण केस में फंसाने के मामले में पुलिस महकमे में बड़ा एक्शन हुआ है। डीआईजी चंपारण रेंज हरिकिशोर राय की कड़ी कार्रवाई से पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है।

बिहार पुलिस विवाद, मोतिहारी व्यापारी केस, रक्सौल थानेदार सस्पेंड, वसूली विवाद बिहार, DIG हरिकिशोर राय, पुलिस भ्रष्टाचार मामला, अपहरण में फंसाया गया व्यापारी, चंपारण पुलिस न्यूज़, टुन्ना प्रसाद मोतिहार

24-May-2025 11:45 AM

By First Bihar

Bihar police news: बिहार के मोतिहारी जिले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। रक्सौल थानाध्यक्ष राजीव नंदन सिन्हा को एक स्थानीय व्यापारी को झूठे अपहरण केस में फंसाने और उधारी का पैसा हड़पने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। चंपारण रेंज के डीआईजी हरिकिशोर राय ने खुद मामले की जांच कर यह कार्रवाई की है।


व्यवसायी टुन्ना प्रसाद, जो वस्त्र संसार नामक दुकान के मालिक हैं, ने डीआईजी को शिकायत की थी कि थानाध्यक्ष राजीव नंदन सिन्हा ने उनकी दुकान से करीब 1 लाख 8 हजार रुपये का सामान उधार में लिया और बाद में रकम मांगने पर उन्हें धमकाया तथा संदीप कुमार नाम के एक झूठे अपहरण केस में फंसा दिया। डीआईजी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए खुद रक्सौल थाना जाकर जांच की और पीड़ित के बयान व डिजिटल सबूतों के आधार पर आरोपों की पुष्टि की। इसके बाद राजीव नंदन सिन्हा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर उनके खिलाफ विभागीय जांच की सिफारिश की गई है।


इस प्रकरण में एक नया मोड़ तब आया जब पता चला कि एक दलाल शिवपूजन शर्मा उर्फ समर जी, पुलिस और पीड़ित के बीच पैसों की दलाली कर रहा था। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पूछताछ में सामने आया कि पैसे की वसूली में एक डीएसपी स्तर के अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध है। डीआईजी हरिकिशोर राय ने अब उस डीएसपी की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है। एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि भ्रष्टाचार या पद का दुरुपयोग करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी अन्याय की सूचना उच्च अधिकारियों को दें।


यह घटना न केवल बिहार पुलिस के कुछ अधिकारियों की गिरती साख को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि अगर आम नागरिक न्याय के लिए उचित मंच पर आवाज उठाए, तो सिस्टम में सुधार संभव है। डीआईजी हरिकिशोर राय की सख्त कार्रवाई जनता में विश्वास बहाल करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।