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IAS officer corruption: भ्रष्टाचार मामले में फंसी बिहार की अधिकारी श्वेता मिश्रा, कई ठिकानों पर छापेमारी; लाखों की अवैध संपत्ति बरामद

IAS officer corruption: बिहार प्रशासनिक सेवा (2011 बैच) की अधिकारी श्वेता मिश्रा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है और उनके कई अलग-अलग ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की टीम ने छापेमारी की.

IAS officer corruption

06-Jun-2025 08:54 AM

By First Bihar

IAS officer corruption: बिहार प्रशासनिक सेवा (2011 बैच) की अधिकारी श्वेता मिश्रा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। कटिहार, पटना और प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में उनके चार अलग-अलग ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की टीम ने गुरुवार को छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान 6.51 लाख रुपये नकद, 16 लाख रुपये के जेवरात, 20 लाख रुपये से अधिक बैंक एवं फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश, साथ ही पटना समेत कई शहरों में जमीन की खरीद के दस्तावेज बरामद किए गए। एसवीयू ने आरोप लगाया है कि श्वेता मिश्रा ने अपनी सेवा अवधि के दौरान नाजायज तरीकों से अकूत चल-अचल संपत्ति अर्जित की है, जो भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को पुष्ट करता है।


गुरुवार सुबह एसवीयू की विभिन्न टीमों ने एक साथ श्वेता मिश्रा के ठिकानों पर दबिश दी। पटना के शेखपुरा स्थित एजी कॉलोनी में उनके फ्लैट संख्या 202 की तलाशी ली गई, वहीं प्रयागराज के सदर तहसील में उनके एक आलीशान मकान का भी पता चला, जिसमें लगभग 30 से 35 लाख रुपये की अंदरूनी सजावट की गई थी। इसके अलावा, गाजियाबाद के नूरसराय में एक फ्लैट और राजनगर एक्सटेंशन के ग्राउंड फ्लोर पर ‘गौरस हाई स्ट्रीट’ नामक शॉपिंग स्पेस भी उनके नाम पाया गया। छापेमारी के दौरान 1.40 लाख रुपये के जेवरात के रसीदें भी बरामद हुई हैं।


एसवीयू के अनुसार, श्वेता मिश्रा के खिलाफ पहले से ही कुल 80 लाख 11 हजार 659 रुपये की गैरकानूनी संपत्ति अर्जित करने के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज है। जांच के दौरान पाया गया कि इस राशि से भी लगभग 60 लाख रुपये की अतिरिक्त संपत्ति है, जिससे कुल मिलाकर 84.34 प्रतिशत से अधिक संपत्ति भ्रष्टाचार के आरोपों के दायरे में आती है।


श्वेता मिश्रा विवादों में घिरी रही हैं। वे बिहार के विभिन्न जिलों में तैनात रहीं, जिनमें डेहरी (रोहतास), बाल अधिकार संरक्षण आयोग (पटना), और आरा (भोजपुर) शामिल हैं। आरा में भूमि सुधार उपसमाहर्ता के पद पर रहते हुए भी उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इसके अलावा, उनके खिलाफ बिहार राज्य महिला आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी।


छापेमारी के दौरान जिन ठिकानों को दबिश दी गई, उनमें कटिहार के मनिहारी स्थित लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी का कार्यालय, कटिहार समाहरणालय के समीप मिरचाबारी स्थित उनका किराये का मकान, पटना के शेखपुरा स्थित एजी कॉलोनी के आराध्या मेंशन में फ्लैट नंबर 202 प्रयागराज के देवप्रयाग इरोबो संगम वाटिका, टाइप-2 में आवास संख्या 144 शामिल हैं। एसवीयू ने मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और विभिन्न संपत्तियों के दस्तावेजों की गहन जांच जारी है। प्रशासन ने इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सशक्त संदेश बताया है।