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JOB News: नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव, अब PHD और NET विषय होंगे आधार

नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में सुधार के लिए एक नया ड्राफ्ट जारी किया है।

JOB News

08-Jan-2025 07:15 AM

By First Bihar

JOB News: भारतीय शिक्षा प्रणाली में नई शिक्षा नीति (NEP 2020) को लागू करने के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को बदलने का निर्णय लिया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसके लिए एक ड्राफ्ट जारी किया है, जिसमें ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के विषय की बाध्यता को समाप्त करते हुए शिक्षक नियुक्ति का आधार केवल पीएचडी और नेट के विषयों को बनाया गया है।


क्या हैं नए नियम?

अब तक शिक्षक भर्ती के लिए ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी या नेट की पढ़ाई एक ही विषय में होनी अनिवार्य थी। लेकिन नए नियमों के तहत उम्मीदवार का ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन किसी भी विषय से हो सकता है। शिक्षक के रूप में उनकी नियुक्ति केवल उनके पीएचडी या नेट विषय के आधार पर होगी।


प्रोफेसर भर्ती और प्रमोशन में बदलाव

प्रोमोशन पॉलिसी में सुधार:

शिक्षकों के प्रमोशन में अब शैक्षणिक प्रदर्शन, अनुभव और कौशल को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, योग, संगीत, परफॉर्मिंग आर्ट्स और नाटक जैसे रचनात्मक क्षेत्रों के विशेषज्ञों को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी।


6 महीने में लागू होंगे नियम:

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, और स्वायत्त कॉलेजों को 6 महीने के भीतर नए भर्ती नियम लागू करने के निर्देश दिए हैं।


यूजीसी ड्राफ्ट के फायदे

फ्लेक्सिबिलिटी:

उम्मीदवार नेट/सेट क्वॉलिफाई करने वाले विषयों में टीचिंग कर सकते हैं, भले ही उनका यूजी या पीजी विषय अलग हो।


भारतीय भाषाओं का प्रोत्साहन:

एकेडमिक पब्लिकेशन और डिग्री प्रोग्राम में भारतीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।


विविध टैलेंट को अवसर:

कला, खेल, और पारंपरिक विषयों के विशेषज्ञों को शिक्षण में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।


समग्र मूल्यांकन:

स्कोर आधारित शॉर्टलिस्टिंग खत्म कर उल्लेखनीय योगदान और योग्यताओं के आधार पर चयन होगा।


समावेशिता:

दिव्यांग खिलाड़ियों और विशेष प्रतिभाओं को भी शिक्षण के क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर मिलेगा।


नई शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में किए गए ये बदलाव शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी और प्रभावी बनाएंगे। शिक्षकों के चयन में योग्यता, स्किल्स और अनुभव को प्राथमिकता देना उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।