Bihar Flood: लगातार बारिश से उफान पर बागमती नदी, कई जिलों के लिए खतरे की घंटी Bihar News: भोजपुरी सुरों की रानी 'बिजली रानी' की किडनी खराब... इलाज के लिए मांगी सरकारी मदद, बीजेपी MLC ने डिप्टी CM से की बात..हर संभव मदद का भरोसा Bihar Ips Transfer: बिहार के सात IPS अफसरों का ट्रांसफर, जितेन्द्र राणा को पटना आईजी की कमान, एक SP भी बदले गए, पूरी लिस्ट देखें... Iran-Israel: ₹3.55 लाख करोड़ का व्यापार दांव पर, ईरान-इजरायल जंग में फंस गया भारत Life Style: किडनी में हुई पथरी को चूर-चूर कर बाहर निकालेगी ये हरे पत्तों की चाय, जाने... कैसे करें सेवन? INDvsENG: पोप ने बताया क्या है इंग्लैंड का लक्ष्य, किस भारतीय बल्लेबाज के डर से कांप रहे अंग्रेज? Bihar News: अंतिम संस्कार और श्राद्ध कर्म के बाद घर लौटी महिला, बिहार में अजब-गजब चमत्कार Bihar News: अनियंत्रित ट्रक ने तोड़ा रेलवे हाईटगेज, टला बड़ा हादसा; परिचालन घंटों तक बाधित Bihar Crime News: जमीनी विवाद में 2 भाइयों को मारी गोली, एक की मौत Bihar Crime News: जमीन कारोबारी की हत्या से दहला पटना, भोज खाकर लौटते वक़्त अपराधियों ने मारी गोली
21-Jun-2025 05:43 PM
By First Bihar
VAISHALI: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी 'बिहार बदलाव यात्रा' के तहत लगातार अलग-अलग जिलों और प्रखंडों में लोगों से संवाद कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज वे वैशाली और समस्तीपुर के एक दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने वैशाली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
जन सुराज की राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज अभियान ने एक पार्टी का रूप लिया। और आज यह पूरे विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि महज 7-8 महीने में ही जन सुराज से बड़ा संगठन किसी भी पार्टी के पास राजनीतिक संगठन के रूप में नहीं है। अगर आंकड़ों की बात करें तो 1 करोड़ लोगों ने मिलकर इस पार्टी का गठन किया है और करीब तीन से चार लाख लोग प्रतिमाह 10 रुपये की सदस्यता शुल्क देकर पार्टी के प्राथमिक सदस्य बन रहे हैं। 'बिहार बदलाव यात्रा' की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में संपूर्ण क्रांति और व्यवस्था परिवर्तन के उद्देश्य से 20 मई को जेपी की जन्मभूमि सिताब दियारा से 'बिहार बदलाव यात्रा' की शुरुआत की गई। यात्रा का उद्देश्य व्यवस्था परिवर्तन के लिए बिहार की जनता को जागरूक करना है।
जन सुराज की सरकार बनी तो 2 हजार पेंशन देगी
प्रशांत किशोर ने आज बिहार के लाखों वृद्धजनों को सरकार द्वारा वृद्धावस्था पेंशन में की गई बढ़ोतरी के लिए बधाई दी और कहा कि यह जन सुराज की ताकत है कि सरकार ने दबाव में आकर पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया है और नवंबर में जन सुराज की सरकार बनने के बाद इसे फिर से बढ़ाकर 2000 रुपये कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 2-2.5 वर्षों से हम लोग आवाज उठा रहे थे कि इस महंगाई के दौर में नीतीश कुमार महज 400 रुपये की पेंशन दे रहे हैं। हमारी लगातार आवाज उठाने के बाद आज सरकार ने जो फैसला लिया है, वह हमारे लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है। जन सुराज के आने से दूसरे दलों में यह डर पैदा हो गया है कि अगर हम काम नहीं करेंगे तो जनता हमें वोट नहीं देगी। अभी तक बेहतर विकल्प के अभाव के कारण राजनीतिक बंधुआ मजदूरी चल रही थी, जो जन सुराज के आने से खत्म होती दिख रही है।
पीके ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर बोला हमला
प्रशांत किशोर ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर उनके और जन सुराज के खिलाफ झूठे आरोप लगाने को लेकर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र दोनों जगह NDA की सरकार है। हम उन्हें चुनौती देते हैं कि वे साइबर एक्सपर्ट की टीम से मामले की जांच कराएं और साबित करें कि उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, वे सही हैं। उन्हें फेसबुक ग्रुप और पेज में फर्क भी नहीं पता। इसके साथ ही उन्होंने दिलीप जायसवाल को चुनौती दी है कि वे यह भी बताएं कि वे सिखों के जिस अल्पसंख्यक कॉलेज में क्लर्क हुआ करते थे, उसके मालिक कैसे बन गए। और वे यह भी जानकारी साझा करें कि पिछले 20-25 वर्षों में उस मेडिकल कॉलेज से कितने नेताओं के बच्चों और परिजनों ने MBBS की डिग्री प्राप्त की है। अगर वे यह जानकारी साझा नहीं करते हैं तो जन सुराज जल्द ही प्रेस के माध्यम से इसकी पूरी जानकारी साझा करेगा।
लालू-चिराग के बाद जीतन राम मांझी को खुली चुनौती
प्रशांत किशोर ने चिराग पासवान और जीतन राम मांझी को चुनौती दी कि वे अपने परिवार से बाहर अपने समाज के किसी योग्य व्यक्ति को अपने दल का नेता बना कर दिखा दें। बिहार में जो भी नेता हैं, चाहे वो लालू जी हों, चिराग जी हों या मांझी जी, ये सभी अपनी जाति की राजनीति नहीं कर रहे हैं। ये सभी नेता अपने बच्चों और अपने परिवार की राजनीति कर रहे हैं। जैसे लालू जी को यादव समाज की चिंता नहीं है, उन्हें सिर्फ तेजस्वी यादव की चिंता है। उसी तरह चिराग पासवान और जीतन राम मांझी को भी अपने समाज की नहीं, अपने परिवार की चिंता है।