ब्रेकिंग न्यूज़

जमुई में ट्रकों से अवैध वसूली करते 4 गिरफ्तार, कार-गहने-मोबाइल बरामद अब जल्द ही मेट्रो की आरामदायक यात्रा का आनंद लेंगे पटनावासी, डीएम ने सभी स्टेशनों पर पार्किंग स्पेस सुनिश्चित करने का दिया निर्देश BIHAR: दरभंगा में 29 करोड़ की लागत से खादी मॉल सह अर्बन हाट का निर्माण शुरू, मिलेगा रोजगार और पहचान Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों का तांडव, पूर्व मुखिया के भतीजे को गोलियों से भूना; हत्या की वारदात से हड़कंप Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों का तांडव, पूर्व मुखिया के भतीजे को गोलियों से भूना; हत्या की वारदात से हड़कंप वोटर अधिकार यात्रा बिहार और देश में परिवर्तन की शुरुआत: मुकेश सहनी वोटर अधिकार यात्रा बिहार और देश में परिवर्तन की शुरुआत: मुकेश सहनी Katihar Crime News: कटिहार पुलिस ने सतीश हत्याकांड का किया खुलासा, वारदात को अंजाम देने वाले दो बदमाश अरेस्ट Katihar Crime News: कटिहार पुलिस ने सतीश हत्याकांड का किया खुलासा, वारदात को अंजाम देने वाले दो बदमाश अरेस्ट लालमुनी चौबे का जीवन राष्ट्र और समाज को समर्पित : अवधेश नारायण सिंह

Bihar Land News: बिहार के इस जिले में 84 हजार से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री पर क्यों लग गई रोक? जानिए.. इसके पीछे की वजह

Bihar Land News: बिहार के समस्तीपुर में निबंधन विभाग द्वारा तैयार की गई ‘रोक सूची’ में भारी गड़बड़ी सामने आई है। हजारों वैध ज़मीन मालिकों को बिना जानकारी के उनकी जमीन बेचने से रोका जा रहा है।

Bihar Land News

07-Jun-2025 03:44 PM

By FIRST BIHAR

Bihar Land News: बिहार के समस्तीपुर में जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ी बड़ी समस्या सामने आ रही है। जिसके कारण करीब 84 हजार से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री पर रोक लग गई है। सरकारी स्तर पर गैर-मजरुआ आम, खास और विभिन्न विभागों एवं बोर्ड की ज़मीन को ध्यान में रखते हुए निबंधन कार्यालय में एक ब्लॉक लिस्ट तैयार की गई है। इस सूची में करीब 84 हजार से अधिक ज़मीनों को शामिल किया गया है।


सूची तैयार करते समय विभागों और बोर्डों ने अपने-अपने खाता-खेसरा नंबर भेजकर कई ज़मीनों पर रोक लगा दी, लेकिन सूची में भारी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। कई वैध ज़मीन मालिकों की संपत्ति भी इसमें शामिल कर दी गई है, जिससे उन्हें अपनी ज़मीन बेचने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।


एक बार जमीन ब्लॉक लिस्ट में चली गई, तो उसे हटवाने के लिए राजस्व विभाग और निबंधन कार्यालय की संयुक्त बैठक का इंतज़ार करना पड़ता है। यह बैठक तभी होती है जब दर्जनों मामले एकत्रित हो जाते हैं। इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है, जिससे आमजन को लंबे समय तक परेशानी झेलनी पड़ती है।


ब्लॉक लिस्ट सार्वजनिक नहीं होने के कारण ज़मीन मालिकों को यह भी नहीं पता चलता कि उनकी ज़मीन कब और कैसे सूची में आ गई। एक मामले में, 2020 में रजिस्ट्री करा चुके एक व्यक्ति को हाल ही में पता चला कि उसकी ज़मीन ब्लॉक लिस्ट में चली गई है। अब वह संबंधित विभागों के चक्कर काटने को मजबूर है।


रोक हटाने के लिए DCLR की रिपोर्ट ज़रूरी होती है। रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी पाई गई तो ज़मीन को सूची से नहीं हटाया जाता और फिर से जांच कराई जाती है। हाल की एक संयुक्त बैठक में लगभग दो दर्जन मामलों की सुनवाई हुई। इनमें से करीब डेढ़ दर्जन मामलों में सहमति बनी और रोक हटाने की प्रक्रिया आगे बढ़ी, जबकि 6 मामलों को फिर से जांच में भेजा गया।


सिर्फ सरकारी नहीं, बल्कि वक्फ बोर्ड और केसरे-ए-हिंद जैसी संस्थाओं की जमीनें भी इस ब्लॉक लिस्ट में शामिल हैं। यदि कोई व्यक्ति ऐसी ज़मीन पर दावा करता है, तो उसे निर्धारित प्रक्रिया पूरी करनी होती है। जिला अवर निबंधक अमित कुमार मंडल के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन की स्थिति की जानकारी निबंधन कार्यालय से प्राप्त कर सकता है कि उसे ब्लॉक लिस्टम में डाला गया है या नहीं।