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04-Jan-2025 08:10 PM
By First Bihar
PATNA: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के ऑफर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दो बार गलती से इधर से उधर चले गये थे। अब नहीं जाएंगे। एनडीए के सभी साथ एकजुट है। अब हम लोग हमेशा साथ रहेंगे। हमलोग साथ रहकर बिहार में विकास का काम करेंगे। यूं कहे कि लालू के ऑफर को नीतीश कुमार ने ठुकरा दिया है।
गोपालगंज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि साल 2005 से पहले बिहार की हालत काफी खराब थी। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। प्रायः हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद की खबरें आती थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है। हमलोग मिलकर लगातार बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं। हम दो बार गलती से इधर से उधर चले गए थे। अब हमलोग हमेशा साथ रहेंगे और बिहार के साथ देश का विकास करेंगे।
दरअसल, नए साल के जश्न के बीच आरजेडी चीफ लालू प्रसाद ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन के साथ आने का खुला ऑफर दिया था। लालू ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि नीतीश कुमार अगर अब भी उनके साथ आते हैं तो उनके लिए दरवाजे खुले हुए हैं। बिहार की जनता के भलाई के लिए सारे गिले सिकवे भुलाकर वह नीतीश को गले लगा लेंगे।
हालांकि इससे पहले लालू के बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि सीएम नीतीश कुमार के लिए आरजेडी के सभी दरवाजे पूरी तरीके से बंद हैं। नीतीश के साथ सरकार चलाना अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। तेजस्वी ने यह भी कहा था कि नीतीश के सिर्फ चेहरे पर सरकार चल रही है। सीएम अब टायर्ड हो चुके हैं और रिटायर्ड अफ़सर सरकार चला रहे हैं, लेकिन लालू के ऑफर के बात तेजस्वी का यह बयान हवा हवाई साबित हो गया है।
राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान गुरुवार को जब मीडिया ने लालू के ऑफर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा तो उन्होंने चुप्पी साध ली। पत्रकारों के जब उसे सवाल किया कि, आपका एक बार फिर महागठबंधन में लालू स्वागत कर रहे हैं? इसपर मुख्यमंत्री ने कोई जवाब तो नहीं दिया लेकिन मुस्कुराते हुए मीडिया के सामने हाथ जोड़ लिए। इस दौरान उनके एक तरफ राज्यपाल तो दूसरी तरफ डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी खड़े थे।
प्रगति यात्रा के दूसरे चरण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज शनिवार को गोपालगंज जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में गोपालगंज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखीं। समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बैठक में जनप्रतिनिधियों ने जो भी समस्याएं रखी हैं, उनका जल्द से जल्द निराकरण करें। 24 नवंबर, 2005 से बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया। उस समय से हमलोग बिहार के विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के लिए लगातार विकास का काम किया जा रहा है।
गोपालगंज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि साल 2005 से पहले बिहार की हालत काफी खराब थी। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। प्रायः हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद की खबरें आती थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है। हमलोग मिलकर लगातार बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं। हम दो बार गलती से इधर से उधर चले गए थे। अब हमलोग हमेशा साथ रहेंगे और बिहार के साथ देश का विकास करेंगे।
वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू कराई। अब तक 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है और शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जा रही है और इस काम को भी जल्द पूरा कर लिया जायेगा। हमलोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं। इसको देखते हुए मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया गया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया पुल- के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया राया है जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटे किया गया है। इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई।
वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना, वर्ष 2010 से लड़कों के लिए भी साइकिल योजना, बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली, स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की बहाली की जा रही है। नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। पहले काफी कम संख्या में लड़कियां पढ़ने जाती थीं। लड़कियों को जब साइकिल दी गई तो वे स्कूल समय पर जाने लगीं और साथ ही शाम में अपने माता-पिता को भी बाजार ले जाती हैं। यह दृश्य काफी अच्छा लगता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीज इलाज कराने जाते थे। अब 1 माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। अब उनकी संख्या बढ़कर 11 हो गई है। सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली एवं नाली का निर्माण, हर घर शौचालय, हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी मलभत सविधाएं लोगों तक पहुंचा दी गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, इसके तहत अब तक 4 चुनाव हो गए हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम किया है। वर्ष 2013 में पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है। वर्ष 2016 से हमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी। हमलोगों ने वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया। बिहार में अब स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़ 31 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों ने ही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और उसका नाम आजीविका दिया। हमलोगों के काम का असर पूरे देश पर पड़ता है। बिहार में अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया गया है, जिनमें अब तक 26 हजार जीविका दीदियां जुड़ी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 तक हमलोगों ने 8 लाख लोगों को सरकारी नौकरी प्रदान कर दी थी। उसके बाद हमलोगों ने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावे 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया है। वर्ष 2025 में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। हमलोगों ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। मदरसों को सरकारी मान्यता दी गई है। हमलोगों ने बिहार में जाति आधारित गणना कराई जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आज ही गोपालगंज जिले में विभिन्न विकास कार्यों का स्थल पर जाकर जायजा लिया। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी ली। लोगों की समस्याएं सुनीं। इस बैठक में भी जनप्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं बताई हैं, उसका समाधान किया जाएगा। गोपालगंज जिले के विकास के लिए सभी कार्य किए जा रहे हैं। अगर कहीं कोई और समस्या होती है तो जानकारी दें उसका समाधान किया जाएगा। हमने जिलाधिकारी को कहा है कि किसी भी समस्या का तत्काल समाधान करें। गड़बड़ करनेवाले लोगों पर नजर रखें। हम सबके हित के लिए काम करते हैं किसी की उपेक्षा नहीं करते हैं। केंद्र सरकार भी राज्य के विकास के लिए सहयोग कर रही है। विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई योजनाएं चलाकर बिहार को मदद कर रही है। हम लोगों के लिए शुरू से काम करते रहे हैं और करते रहेंगे। हमसब मिलकर बिहार के विकास के लिए काम करते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने नववर्ष के अवसर पर सबको अपनी शुभकामनाएं भी दी।