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21-Dec-2025 09:43 AM
By First Bihar
Gandhi Maidan : राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान पर बीते कुछ वर्षों में शारीरिक प्रशिक्षण कैंपों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि देखी गई थी। सेना, पुलिस, दारोगा और सिपाही बहाली जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की शारीरिक दक्षता परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों की संख्या पहले जहां लगभग 14 तक सीमित थी, वहीं हाल के दिनों में यह बढ़कर करीब 60 तक पहुंच गई। इन कैंपों में रोजाना सैकड़ों अभ्यर्थी दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद और अन्य शारीरिक अभ्यास करते थे, जिससे गांधी मैदान पर अत्यधिक दबाव पड़ने लगा था।
अत्यधिक भीड़ और लगातार हो रहे अभ्यास के कारण मैदान की घास बुरी तरह नष्ट होने लगी थी। कई स्थानों पर गड्ढे बन गए थे, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ गई थी। इसके अलावा सुबह-शाम टहलने आने वाले नागरिकों, परिवारों और पर्यटकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। आम लोगों की आपत्तियों को देखते हुए जिला प्रशासन को लगातार लिखित शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने गांधी मैदान में शारीरिक प्रशिक्षण कैंपों के संचालन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया।
प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेष कुमार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा कि गांधी मैदान में किसी भी प्रकार के संगठित शारीरिक प्रशिक्षण कैंप संचालित नहीं किए जाएंगे। इसके तहत दारोगा और सिपाही बहाली परीक्षा की तैयारी कराने वाले 60 से अधिक शारीरिक प्रशिक्षण केंद्रों को गांधी मैदान से हटाकर दीघा घाट और कलेक्ट्रेट घाट स्थानांतरित किया गया है। प्रशासन ने इन संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे अपने सभी प्रशिक्षण गतिविधियां अब इन निर्धारित घाटों पर ही संचालित करें।
जिला प्रशासन का मानना है कि गंगा किनारे स्थित दीघा घाट और कलेक्ट्रेट घाट शारीरिक प्रशिक्षण के लिए अधिक उपयुक्त हैं। ये स्थान अपेक्षाकृत खुले हैं, यहां भीड़ कम है और वायु गुणवत्ता भी बेहतर मानी जाती है। इससे अभ्यर्थियों को स्वच्छ वातावरण में अभ्यास करने का अवसर मिलेगा और गांधी मैदान पर पड़ने वाला दबाव भी कम होगा। प्रशासन के अनुसार, इन घाटों पर पहले से ही कोचिंग संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए शारीरिक अभ्यास कराया जा रहा है।
हालांकि, जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि गांधी मैदान आम जनता के लिए पूरी तरह खुला रहेगा। मॉर्निंग वॉक, इवनिंग वॉक, व्यक्तिगत या निजी तौर पर दौड़ने, टहलने जैसी गतिविधियों पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है। गांधी मैदान पटना का एक प्रमुख सार्वजनिक स्थल है, जहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए आते हैं। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि आम नागरिकों की सुविधाओं और अधिकारों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
प्रशासन का कहना है कि गांधी मैदान के सौंदर्यीकरण, हरियाली और संरचना के संरक्षण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मैदान की घास, पेड़-पौधों और समग्र वातावरण को सुरक्षित रखना प्रशासन की प्राथमिकता है। लगातार और भारी शारीरिक अभ्यास के कारण मैदान की हालत खराब हो रही थी, जिसे देखते हुए यह कदम उठाना जरूरी हो गया था। इसके साथ ही प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि कोई कोचिंग संस्थान या प्रशिक्षक आदेश का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस निर्णय से जहां एक ओर अभ्यर्थियों को बेहतर और खुले स्थानों पर अभ्यास का मौका मिलेगा, वहीं दूसरी ओर गांधी मैदान को उसके मूल स्वरूप में संवारने का रास्ता भी साफ होगा। आम नागरिकों और पर्यटकों को भी अब बिना किसी बाधा के गांधी मैदान में घूमने, टहलने और समय बिताने की सुविधा मिलेगी। जिला प्रशासन का मानना है कि यह फैसला जनहित में है और इससे शहर के सबसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल की गरिमा बनी रहेगी।