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बिहार की छात्राओं के लिए ‘साथी’ कार्यक्रम की शुरुआत, IIT जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग की व्यवस्था

बिहार सरकार ने पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय स्कूलों की छात्राओं के लिए आईआईटी, जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु ‘साथी’ कोचिंग कार्यक्रम की शुरुआत की।

bihar

19-Dec-2025 09:35 PM

By First Bihar

PATNA: पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, बिहार सरकार द्वारा आज जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान, पटना के सभागार में एक दिवसीय राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक और कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता विभाग की मंत्री रमा निषाद ने की।


शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए, आज विभाग ने आईआईटी कानपुर (आईआईटी कानपुर) के साथ 'साथी' कार्यक्रम के कार्यान्वयन हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। अपराह्न 04:30 बजे संपन्न हुए इस समझौते का उद्देश्य विभाग द्वारा संचालित अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय +2 उच्च विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को आईआईटी, जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विश्वस्तरीय कोचिंग सुविधा प्रदान करना है। इससे पूर्व, एक विशेष सत्र में आईआईटी कानपुर की टीम द्वारा प्रधानाध्यापकों और नोडल पदाधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया।


समीक्षा बैठक के प्रमुख निर्णय और निर्देश: अपराह्न सत्र में माननीया मंत्री और प्रधान सचिव ने विभाग की कल्याणकारी योजनाओं की बिंदुवार गहन समीक्षा की। समीक्षा के मुख्य बिंदु निम्नवत रहे: आवासीय विद्यालयों का सुदृढ़ीकरण एवं सुविधाओं की समीक्षा: विभाग के स्तर से संचालित 39 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालयों की कार्यप्रणाली की विस्तृत समीक्षा की गई।


मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि 'जीविका' के माध्यम से विद्यालयों में मेस और साफ-सफाई के कार्यों का संचालन प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि छात्राओं को स्वच्छ कपड़े और गुणवत्तापूर्ण  भोजन मिलने में किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं होनी चाहिए।


मंत्री ने विद्यालयों में नामांकन की स्थिति और उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार की महती आवश्यकता है और विभाग इसे प्राप्त करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। निर्माणाधीन योजनाएं: बैठक में निर्माणाधीन योजनाओं से संबंधित मुद्दों की भी समीक्षा की गई और उन्हें समय सीमा के भीतर पूर्ण करने का निर्देश दिया गया।


वित्तीय अनुशासन और उपयोगिता प्रमाण पत्र: मंत्री ने लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्रों को लेकर गंभीरता जताई। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि लंबित यूसी और एसी/डीसी विपत्रों का समायोजन शीघ्र अति शीघ्र सुनिश्चित किया जाए। छात्रावास प्रबंधन: राज्य भर में स्थित जननायक कर्पूरी ठाकुर कल्याण छात्रावासों और अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रावासों के जीर्णोद्धार, मेस संचालन और छात्रों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।


अपने संबोधन में माननीय मंत्री श्रीमती रमा निषाद ने कहा कि, "विभाग से जुड़े हर मुद्दे का त्वरित समाधान किया जाएगा, लेकिन इसके लिए अधिकारियों को क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य करना होगा।" उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि "जनकल्याणकारी योजनाओं को गति दें पदाधिकारी" ताकि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ सुगमता से पहुँच सके। बैठक में विभाग के प्रधान सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव सहित राज्य भर से आए सभी प्रमंडलीय उप निदेशक, जिला पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण पदाधिकारी, प्रधानाध्यापक एवं अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।