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24-Jun-2025 01:24 PM
By First Bihar
Bihar Arms License: बिहार में हथियार लाइसेंस धारकों के लिए बड़ी खबर है। अगर आपने कभी शादी-समारोह में फायरिंग की है या फिर सोशल मीडिया पर कूल बनने के लिए हथियार के साथ तस्वीरें साझा की है और कहीं किसी आपराधिक मामले में आपका नाम दर्ज है तो सतर्क हो जाएं। बिहार पुलिस और जिला प्रशासन ने ऐसे लोगों के लाइसेंस रद्द करने की अब व्यापक मुहिम शुरू कर दी है। यह राज्य में अब तक का सबसे बड़ा हथियार नियंत्रण अभियान माना जा रहा है।
पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि लाइसेंस धारकों की गतिविधियों की गहन जांच की जाए। अगर कोई लाइसेंसधारी व्यक्ति आपराधिक गतिविधियों, हर्ष फायरिंग, हथियारों की कालाबाजारी, सार्वजनिक स्थानों पर हथियारों का गैर-कानूनी प्रदर्शन या गैंग से संबंधित गतिविधियों में शामिल पाया गया तो उसका लाइसेंस तत्काल रद्द किया जाएगा।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार बिहार देश में हिंसक अपराधों की दर के मामले में शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक हर साल औसतन 3,600 अवैध हथियार और 17,000 गोलियां बरामद की जाती हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि कई बार लाइसेंसी दुकानों से गोलियां अपराधियों तक पहुंच रही हैं। बिहार पुलिस की विशेष टास्क फोर्स की एक स्टडी में अवैध हथियारों और नकली लाइसेंसों को बढ़ते अपराध का प्रमुख कारण बताया गया है। इसी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने अब कड़े कदम उठाने का निर्णय ले लिया है।
नए नियम और बदलाव
NDAL-ALIS पोर्टल पर अनिवार्य रजिस्ट्रेशन: सभी लाइसेंस धारकों को अपने हथियारों की जानकारी राष्ट्रीय डेटाबेस ऑफ आर्म्स लाइसेंस (NDAL-ALIS) पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
गोलियों की संख्या में कटौती: पहले लाइसेंस धारकों को सालाना 200 गोलियां खरीदने की अनुमति थी, लेकिन अब यह सीमा घटाकर 50 राउंड प्रति वर्ष कर दी गई है। हर खरीद पर इस्तेमाल किए गए कारतूस (खोखा) जमा करना और उपयोग का प्रमाण पत्र देना भी अनिवार्य होगा।
नियमित जांच और ऑडिट: जिला स्तर पर हर तीन महीने में एक कमेटी लाइसेंस धारकों की जांच करेगी। इसमें जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में हथियारों की वैधता और लाइसेंस धारक की पात्रता की समीक्षा होगी।
सोशल मीडिया और हर्ष फायरिंग पर सख्ती: सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन या शादी-समारोह में फायरिंग करने वालों के खिलाफ बिना देरी के कठोर कार्रवाई होगी।
विशेष अदालतों का गठन: डीजीपी विनय कुमार ने घोषणा की है कि हर जिले में आर्म्स एक्ट के तहत विशेष अदालतें बनाई जाएंगी, ताकि अवैध हथियारों से संबंधित मामलों में त्वरित सजा सुनिश्चित हो सके।