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03-Feb-2025 04:24 PM
By MANOJ KUMAR
Bihar News: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुजफ्फरपुर के SSP को तलब किया है। आयोग ने नोटिस जारी कर एसएसपी को सशरीर उपस्थित होने को कहा है। एसकेएमसीएच से जुड़े एक मामले में मानवाधिकार आयोग ने समन जारी किया है।
दरअसल, मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर में नवजात शिशु को कुत्तों के द्वारा खाये जाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक को सम्मन जारी किया है। आयोग ने एसएसपी को सदेह उपस्थित होने के लिए समन जारी करते हुए कहा कि यदि पूरी जांच रिपोर्ट 12 मार्च से पहले आयोग को प्राप्त हो जाये तो सदेह उपस्थिति को टाला जा सकता है।
पिछले साल 15 मई को श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के मुख्य द्वार पर एक नवजात बच्चे को कुत्तों के द्वारा नोच-नोचकर खाया जा रहा था। कुत्ते घंटों तक नवजात बच्चे को नोचते रहे लेकिन अस्पताल प्रबंधन या पुलिस की ओर से कोई पहल नहीं हुई। यहां तक कि अस्पताल के गार्ड भी तमाशबीन बने रहे। वर्ष 15 जनवरी को भी कुत्ते के द्वारा एक नवजात बच्चे को खाये जाने का मामला प्रकाश में आया था, जो राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष विचाराधीन है।
मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग में इन सभी मामलों में याचिका दायर की थी और मामले की गंभीरतापूर्वक जांच करते हुए दोषियों पर कठोर-से-कठोर कार्रवाई की मांग की थी। उसके बाद मानवाधिकार आयोग ने मुजफ्फरपुर डीएम को नोटिस जारी किया था। जिसके बाद जिले की प्रशासनिक व्यवस्था सक्रिय हो गई। इस पूरे मामले में अहियापुर थाने में तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई, जो अहियापुर थाना कांड संख्या 75/24, 1429/24 तथा 1500/24 हैं।
उसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तीनों केस की वर्तमान स्थिति और जांच के बारे में मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन से लगातार रिपोर्ट मांग रही है, लेकिन मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन द्वारा आयोग को रिपोर्ट नहीं नहीं दिया जा रहा है। उसके बाद 3 फ़रवरी को आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए मुजफ्फरपुर एसएसपी को सदेह उपस्थित होने का समन जारी किया है। आयोग ने कहा कि यदि पूरी जांच रिपोर्ट 12 मार्च से पूर्व आयोग को प्राप्त हो जाये तो सदेह उपस्थिति को टाला जा सकता है, अन्यथा एसएसपी मुजफ्फरपुर स्वयं उपस्थित होकर जबाव देंगे।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सख़्ती के बाद पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने बताया कि यह पूरा मामला काफी हृदय विदारक है तथा मानवाधिकार उल्लंघन के अतिगंभीर श्रेणी का मामला है। मामले की गंभीरतापूर्वक व गहनतापूर्वक जांच की आवश्यकता है और इस प्रकार के मामले में डीएम और एसएसपी को अपने स्तर से सुधार के लिए प्रयास करना चाहिए। मामले में अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।