Vaibhav Suryavanshi: वैभव सुर्यवंशी के बल्ले का जलवा..., बिहार के लाल ने 'विजय हजारे ट्रॉफी' में खेली ताबड़तोड़ पारी

Vaibhav Suryavanshi: विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 के प्लेट ग्रुप मैच में बिहार ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ रिकॉर्डतोड़ पारी खेली, लेकिन इस मैच की सबसे बड़ी कहानी 14 साल के बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी की शानदार प्रदर्शन रही।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 24 Dec 2025 02:28:23 PM IST

Vaibhav Suryavanshi: वैभव सुर्यवंशी के बल्ले का जलवा..., बिहार के लाल ने 'विजय हजारे ट्रॉफी' में खेली ताबड़तोड़ पारी

- फ़ोटो GOOGLE

Vaibhav Suryavanshi: विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 के प्लेट ग्रुप मैच में बिहार ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ रिकॉर्डतोड़ पारी खेली, लेकिन इस मैच की सबसे बड़ी कहानी 14 साल के बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी की शानदार प्रदर्शन रही। अंडर-19 एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में बल्ला न चल पाने का मलाल लिए रांची में उतरे वैभव ने 84 गेंदों में 190 रन की झन्नाटेदार पारी खेलकर सभी को चौंका दिया। इस पारी में उन्होंने 15 छक्के और 16 चौके लगाए, और उनका स्ट्राइक रेट 226.19 रहा।


बिहार ने इस मैच में कुल 50 ओवर में 574/6 का स्कोर खड़ा किया, जो लिस्ट-ए क्रिकेट में अब तक का सबसे बड़ा स्कोर बन गया। इससे पहले लिस्ट-ए की एक पारी में सबसे ज्यादा रन का रिकॉर्ड तमिलनाडु के नाम था, जिसने 2022 में बेंगलुरु में अरुणाचल के खिलाफ 506/2 रन बनाए थे। वैभव सूर्यवंशी ने इस पारी की नींव मंगल महरौर (33 रन, 43 गेंद) के साथ रखी और इसके बाद अपने गियर को बदलकर विपक्षी गेंदबाजों को बैकफुट पर ला दिया।


वैभव ने सिर्फ 36 गेंदों में शतक पूरा किया, जिसमें 10 चौके और 8 छक्के शामिल थे। इसके बाद उन्होंने 59 गेंदों में 150 रन पूरे किए, जिससे वह पुरुषों की लिस्ट-ए क्रिकेट में सबसे कम उम्र के शतकवीर बन गए। इस दौरान उन्होंने एबी डिविलियर्स और जोस बटलर जैसे दिग्गजों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। वैभव का यह प्रदर्शन भारतीय घरेलू क्रिकेट में नई प्रतिभा के उदय का प्रतीक बन गया है।


बिहार की इस रिकॉर्डतोड़ पारी में अन्य बल्लेबाजों ने भी शानदार योगदान दिया। आयुष लोहारुका ने 56 गेंदों में 116 रन बनाए, जिसमें 11 चौके और 8 छक्के शामिल थे। कप्तान साकिबुल गनी ने अंत तक नाबाद रहते हुए 40 गेंदों में 128 रन की तूफानी पारी खेली, जिसमें 10 चौके और 12 छक्के शामिल थे। उन्होंने 32 गेंदों में अपना शतक पूरा किया, जो लिस्ट-ए क्रिकेट में किसी भारतीय का अब तक का सबसे तेज शतक माना गया। इसी दिन झारखंड के लिए खेलते हुए ईशान किशन ने सिर्फ 33 गेंदों में शतक जड़ा, जो लिस्ट-ए में किसी भारतीय का दूसरा सबसे तेज शतक है।


इस मुकाबले में वैभव सूर्यवंशी ने यह स्पष्ट कर दिया कि युवा प्रतिभा जब अवसर और सही तैयारी के साथ सामने आती है, तो घरेलू क्रिकेट में नए कीर्तिमान स्थापित किया जा सकता है। उनके इस प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं और एनालिस्ट्स की नोटबुक में बिहार और भारतीय क्रिकेट के लिए संभावनाओं को और उजागर कर दिया है।


वैभव और टीम की इस शानदार पारी ने न केवल मैच को रोमांचक बनाया, बल्कि भविष्य के लिए भी एक प्रेरक उदाहरण पेश किया कि कैसे संयम, आक्रामकता और तकनीकी दक्षता से किसी भी युवा खिलाड़ी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई जा सकती है।