बैंक से पैसे निकालकर घर जा रहे बुजुर्ग को बाइक सवार बदमाशों ने बनाया निशाना, दिनदहाड़े 1.6 लाख की लूट SSB जवानों ने बचाई गंगा में डूब रहे युवक की जान, नहाने के दौरान फिसला था पैर लेक्चरर के सुनसान घर में चोरों ने मचाया आंतक, कैश सहित लाखों के जेवरात की चोरी मुख्यमंत्री के काफिले को लेकर यातायात बाधित, गुस्साएं लोगों ने किया जमकर हंगामा, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी मुजफ्फरपुर में गाड़ी मालिक की दबंगई देखिये, दलित ड्राइवर को पहनाया जूते-चप्पल का माला, गले में लिखकर टांगा.."मैं बहुत बड़ा चोर हूँ" 16 जनवरी से TCH Eduserv में BPSC, SSC और रेलवे की तैयारी के लिए नये बैच की शुरुआत, इस नंबर पर करें संपर्क.. दिनेश पटेल की अध्यक्षता में कुर्मी समाज की पटना में अहम बैठक, 29 संगठनों के प्रतिनिधि रहे मौजूद BPSC री-एग्जाम की मांग को लेकर राज्यपाल से मिलने पहुंचा महागठबंधन का प्रतिनिधिमंडल, कांग्रेस के नेता रहे गायब 53वीं सीनियर महिला नेशनल हैंडबॉल प्रतियोगिता का दूसरा दिन, घने कोहरे के बावजूद कम नहीं हुआ खिलाड़ियों जज्बा गुरू गोविन्द सिंह की जयंती पर तख्त श्री हरिमंदिर पहुंचे CM नीतीश, गुरु के दरबार में मत्था टेका
05-Jan-2025 08:00 AM
Reported By:
Putrada Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। पौष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी 2025 को रखा जाएगा। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, और इसे विधि-विधान से करने पर संतान प्राप्ति और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। कुछ कार्य ऐसे हैं, जिनसे बचना अनिवार्य है, वरना व्रत का पूरा फल नहीं मिलता और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी रुष्ट हो सकते हैं।
पुत्रदा एकादशी व्रत का समय:
एकादशी तिथि प्रारंभ: 9 जनवरी 2025, दोपहर 12:22 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 10 जनवरी 2025, सुबह 10:19 बजे
उदयातिथि के अनुसार व्रत: 10 जनवरी 2025
पुत्रदा एकादशी के दिन इन कार्यों से बचें:
किसी का अपमान न करें: इस दिन साधक को किसी भी व्यक्ति का अनादर करने से बचना चाहिए।
तामसिक भोजन का परहेज करें: व्रत में मांसाहार, प्याज और लहसुन जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन वर्जित है।
दिन में न सोएं: पूजा के बाद दिन में सोने से व्रत का प्रभाव कम हो जाता है।
तुलसी को जल न चढ़ाएं: धार्मिक मान्यता है कि तुलसी माता भी इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं।
बाल और नाखून न काटें: पुत्रदा एकादशी पर यह कार्य अशुभ माना गया है।
पशु-पक्षियों को परेशान न करें: इस दिन किसी भी जीव को कष्ट देना पाप का कारण बनता है।
बुरा न सोचें: मन में किसी के प्रति बुरी भावना रखने से व्रत का सकारात्मक प्रभाव खत्म हो सकता है।
पुत्रदा एकादशी का महत्व:
पुत्रदा एकादशी का व्रत उन दंपतियों के लिए विशेष रूप से फलदायक माना जाता है, जो संतान सुख की इच्छा रखते हैं। इसे पूर्ण विधि-विधान से करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।