ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव को लेकर BJP ने टाइट की फील्डिंग, नड्डा आज यहां भरेंगे हुंकार Chhath Puja 2025: छठ पूजा के दौरान बदली रहेगी पटना की ट्रैफिक व्यवस्था, इन रास्तों पर वाहनों की आवाजाही रहेगी बंद; गाइडलाइंस जारी Chhath Puja 2025: छठ पूजा के दौरान बदली रहेगी पटना की ट्रैफिक व्यवस्था, इन रास्तों पर वाहनों की आवाजाही रहेगी बंद; गाइडलाइंस जारी महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम, गिरिडीह में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दी गई मशीनें Chhath Puja 2025: पटना में इन जगहों पर छठ पूजा करने पर रहेगी रोक, जिला प्रशासन ने जारी की खतरनाक गंगा घाटों की सूची Chhath Puja 2025: पटना में इन जगहों पर छठ पूजा करने पर रहेगी रोक, जिला प्रशासन ने जारी की खतरनाक गंगा घाटों की सूची Bihar Election 2025: बिहार की इस सीट पर NCP और जन सुराज पार्टी के उम्मीदवारों के बीच विवाद बढ़ा, थाने पहुंचा मामला Bihar Election 2025: नबीनगर से JDU प्रत्याशी चेतन आनंद ने की चुनाव प्रचार की शुरुआत, स्थानीय मुद्दों के समाधान का दिया भरोसा Bihar Election 2025: नबीनगर से JDU प्रत्याशी चेतन आनंद ने की चुनाव प्रचार की शुरुआत, स्थानीय मुद्दों के समाधान का दिया भरोसा Bihar Election 2025: चुनाव प्रचार के दौरान आरजेडी उम्मीदवार लल्लू मुखिया पर पथराव, स्थानीय युवकों ने खदेड़ा

Ganpati Visarjan 2025: गणपति विसर्जन के दौरान भूलकर भी न करें यह काम, प्रेमानंद महाराज ने बताया सही तरीका

Ganpati Visarjan 2025: वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन के सही और सम्मानजनक तरीके बताए। उन्होंने मूर्ति को नदियों में फेंकने से मना किया और घर में तालाब या गड्ढा बनाकर विसर्जन करने की सलाह दी।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 06 Sep 2025 01:29:51 PM IST

Ganpati Visarjan 2025

- फ़ोटो Google

Ganpati Visarjan 2025: आज, 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी का पावन पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इसी दिन गणपति बप्पा के विसर्जन का भी समारोह होता है। दस दिनों तक बप्पा की सेवा-सत्कार करने के बाद उनकी विदाई में हर किसी की आंखें नम हो जाती हैं। 


हिंदू धर्म में भगवान गणेश को परम पूज्य देवता माना जाता है, इसलिए गणपति विसर्जन की पूजा विधि में भी कोई कमी नहीं होनी चाहिए। वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में गणपति विसर्जन को लेकर कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि विसर्जन के दौरान भगवान की मूर्तियां नदी, तालाब और घाटों में बिना उचित व्यवस्था के फेंक दी जाती हैं, जो सही नहीं है।


प्रेमानंद महाराज ने कहा कि लोग गणपति पूजा विधि-विधान से करते हैं, लेकिन विसर्जन के समय मूर्ति को नदी या तालाब में फेंक देते हैं। इससे मूर्तियां किनारों पर जमा हो जाती हैं और बाद में जेसीबी जैसी मशीनों की मदद से उन्हें हटाना पड़ता है। उन्होंने सवाल उठाया कि जिसे इतने दिन प्यार से पूजा किया गया हो, उसे ऐसी अनादरपूर्ण स्थिति में डालना कहां उचित है?


उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भगवान की मूर्ति का अपमान कतई नहीं होना चाहिए। विसर्जन के लिए सम्मानजनक तरीका अपनाना जरूरी है। प्रेमानंद महाराज ने बताया कि सबसे सही तरीका यह है कि घर में ही कोई तालाब या कुंड बनाकर उसमें गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया जाए। 


इससे न तो जेसीबी की जरूरत पड़ेगी और न ही मूर्ति के आसपास कूड़ा-कचरा जमा होगा। यदि तालाब बनाना संभव न हो, तो जमीन में गड्ढा खोदकर उसमें विसर्जन करना चाहिए। इस तरह का विसर्जन प्रकृति और भगवान दोनों के प्रति सम्मान दर्शाता है।