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Masan Holi: कब मनाया जाएगा मसान होली, परंपरा और धार्मिक महत्व जानें

रंगभरी एकादशी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती के रंगोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह एकादशी फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में आती है और इसे होली के उत्सव की शुरुआत मानी जाती है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 23 Feb 2025 02:20:24 PM IST

Masan Holi

Masan Holi - फ़ोटो Masan Holi

Masan Holi: होली का पर्व पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के काशी (वाराणसी) में होली का एक अनोखा रूप देखने को मिलता है। यहां पर होली से कुछ दिन पहले विश्वनाथ मंदिर और मणिकर्णिका घाट पर चिता की राख से होली खेली जाती है, जिसे मसान होली कहा जाता है। यह परंपरा शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। इस लेख में हम मसान होली 2025 की तिथि, उसकी परंपरा और धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से जानेंगे।


मसान होली 2025 की तिथि (Masan Holi 2025 Date)

इस वर्ष मसान होली 11 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। यह रंगभरी एकादशी के अगले दिन आती है और खासतौर पर वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर धूमधाम से मनाई जाती है।


मसान होली की परंपरा कैसे शुरू हुई?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव रंगभरी एकादशी के दिन मां पार्वती का गौना कराकर काशी लाए थे। इस दिन उन्होंने सभी भक्तों के साथ गुलाल से होली खेली थी, लेकिन भूत-प्रेत, पिशाच, योगी और शिवगण इस उत्सव में शामिल नहीं हो सके थे। ऐसे में भगवान शिव ने रंगभरी एकादशी के अगले दिन, मणिकर्णिका घाट पर अपने गणों के साथ चिता की भस्म से होली खेली। तभी से यह अनूठी परंपरा शुरू हुई, जो आज भी काशी में श्रद्धा और भक्ति के साथ निभाई जाती है।


कैसे मनाई जाती है मसान होली?

मसान होली का आयोजन वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर किया जाता है। इस दिन साधु-संत और शिव भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और हवन का आयोजन होता है। इसके बाद भक्त एक-दूसरे को चिता की भस्म लगाकर शिव की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। पूरे मणिकर्णिका घाट पर 'हर-हर महादेव' के जयकारों की गूंज सुनाई देती है।


मसान होली का धार्मिक महत्व

मृत्यु और पुनर्जन्म का संदेश: मसान होली यह दर्शाती है कि मृत्यु भी जीवन का ही एक भाग है और भगवान शिव अपने भक्तों को हर परिस्थिति में स्वीकार करते हैं। शिव कृपा की प्राप्ति: मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन शिव पूजन कर भस्म होली खेलता है, उसे महादेव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति: ऐसी मान्यता है कि मसान होली खेलने से व्यक्ति को नकारात्मक शक्तियों और भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति मिलती है।


होली 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त (Holi 2025 Date and Time)

वैदिक पंचांग के अनुसार,

फाल्गुन पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 मार्च 2025 को सुबह 10:35 बजे

फाल्गुन पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 मार्च 2025 को दोपहर 12:23 बजे

होलिका दहन: 13 मार्च 2025 को रात्रि में

रंगों की होली: 14 मार्च 2025 को पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाएगी।


मसान होली वाराणसी की एक अनूठी परंपरा है, जो जीवन और मृत्यु के रहस्यों को उजागर करती है। यह भगवान शिव की असीम शक्ति और उनकी भक्ति की अद्भुत अभिव्यक्ति है। शिवभक्त इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और चिता की भस्म से खेलकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।