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Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति के दिन गंगा स्तुति का महत्व, पुण्य लाभ और आशीर्वाद

मकर संक्रांति हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से तिल, लड्डू बनाने और गंगा स्नान के लिए जाना जाता है। इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है, खासकर गंगा स्तुति का पाठ करने के संदर्भ में।

Makar Sankranti 2025

14-Jan-2025 06:00 AM

Makar Sankranti 2025: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। यह पर्व न केवल तिल और लड्डू बनाने के लिए जाना जाता है, बल्कि इस दिन विशेष रूप से गंगा स्नान और गंगा स्तुति का महत्व भी है। मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्तुति का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि और अन्न-धन की कमी नहीं रहती, साथ ही यह जीवन को सकारात्मक दिशा देने वाला होता है।


गंगा स्तुति का महत्व:

माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्तुति का पाठ करने से मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति के जीवन में समृद्धि आती है। विशेष रूप से इस दिन गंगा स्नान के बाद गंगा स्तुति का पाठ करना बेहद फलदायी माना जाता है। यह ना केवल शारीरिक और मानसिक शुद्धि का प्रतीक है, बल्कि आत्मिक शांति और धन-धान्य की वृद्धि का भी कारण बनता है।


गंगा स्तुति का पाठ:

गंगा स्तुति का पाठ सच्चे मन से करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस पाठ में मां गंगा की महिमा का गुणगान किया जाता है और उन्हें श्रद्धा से धन्यवाद दिया जाता है।


गंगा स्तुति के कुछ श्लोक इस प्रकार हैं:

"गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम्। त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम्॥"

"देवि सुरेश्वरि भगवति गङ्गे, त्रिभुवनतारिणि तरलतरङ्गे। शङ्करमौलिविहारिणि विमले, मम मतिरास्तां तव पदकमले॥"


इस श्लोक के माध्यम से भक्त मां गंगा से आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं और उन्हें अपने जीवन से सभी कष्टों को दूर करने के लिए निवेदन करते हैं। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्तुति का पाठ विशेष महत्व रखता है। यह दिन ना केवल तिल, लड्डू और स्नान के लिए, बल्कि गंगा स्तुति के माध्यम से पुण्य प्राप्ति के लिए भी बहुत खास होता है। जो लोग इस दिन गंगा स्तुति करते हैं, उनका जीवन खुशहाल और समृद्ध बनता है।