ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार में 17.29 करोड़ की लागत यहां बनने जा रहा सब-जेल, 25 एकड़ भूमि का होगा अधिग्रहण; सरकार ने जारी किया आदेश Bihar News: बिहार में 17.29 करोड़ की लागत यहां बनने जा रहा सब-जेल, 25 एकड़ भूमि का होगा अधिग्रहण; सरकार ने जारी किया आदेश Indigo Crisis: इंडिगो संकट थमने के आसार, DGCA ने रोस्टर संबंधी आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लिया Indigo Crisis: इंडिगो संकट थमने के आसार, DGCA ने रोस्टर संबंधी आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लिया Bihar Crime News: बिहार के लापरवाह थानेदार पर गिरी गाज, DIG ने किया लाइन क्लोज; कारोबारी की संदिग्ध मौत का मामला Nitish Kumar : 10वीं बार CM बनें नीतीश कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की बधाई, भारतीय लोकतंत्र में रचा ऐतिहासिक रिकॉर्ड Bihar Assembly : अमरेंद्र पांडे ने किया शपथ ग्रहण, बिहार विधानसभा में हुई सदस्यता पक्की; दो दिन की गैरहाजरी के बाद हुई वापसी Bihar News: बिहार में बारात निकलने से पहले दूल्हे की मौत, पुलिस जांच में जुटी Bihar Investment : बिहार में निवेशकों के लिए बड़ा अवसर, मुख्य सचिव से बिना अपॉइंटमेंट मिलें, हर सप्ताह इस दिन होगी उद्योग वार्ता Bihar Assembly : सच हुई CM की भविष्यवाणी, विपक्ष 35 सदस्यों तक सिमटा, नीतीश ने सदन में इशारों में पत्रकारों से की बात

Ganga Maa: हिंदू धर्म में पवित्र मानी जाती है गंगा, विलुप्ति की दी चेतावनी

हिंदू धर्म में गंगा को केवल एक नदी के रूप में नहीं देखा जाता, बल्कि देवी की तरह पूजनीय और पवित्र माना जाता है। यही कारण है कि गंगा को माता कहकर संबोधित किया जाता है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 15 Jan 2025 10:14:28 PM IST

Ganga Maa

Ganga Maa - फ़ोटो Ganga Maa

Ganga Maa: हिंदू धर्म में गंगा को केवल एक नदी के रूप में नहीं देखा जाता, बल्कि देवी की तरह पूजनीय और पवित्र माना जाता है। यही कारण है कि गंगा को माता कहकर संबोधित किया जाता है। धार्मिक पुराणों में गंगा के धरती पर अवतरण की कथा मिलती है। साथ ही इस बात का भी वर्णन मिलता है कि गंगा माता धरती से कब स्वर्ग लोक को वापस लौटेंगी। चलिए जानते हैं इस बारे में।


कैसे हुआ था धरती पर आगमन

पौराणिक कथा के अनुसार, मां गंगा का धरती पर आगमन राजा भागीरथ की तपस्या के कारण हुआ। कथा के अनुसार, राजा भागीरथ अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने हिमालय में जाकर कठोर तपस्या की। उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने गंगा की धारा को अपने कमंडल से छोड़ दिया। लेकिन गंगा की गति बहुत अधिक थी, जिस कारण भगवान शंकर ने गंगा को पहले अपनी जटाओं में धारण किया और उसके बाद धरती पर उतारा।


पौराणिक वर्णन

श्रीमद्देवीभागवत पुराण में इस बात का वर्णन मिलता है कि गंगा माता की स्वर्ग को वापसी कब हो रही है। इस ग्रंथ के अनुसार, भगवान विष्णु ने नारद जी को इस विषय में बताया था। प्रभु श्रीहरि ने नारद जी से कहा कि कलयुग में 5000 साल बीतने के बाद जब धरती पर पाप बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगे, तो धर्म की हानि होने लगेगी। लोगों के मन में लोभ-लालच और वासना का वास होगा और लोगों के पाप इतने बढ़ जाएंगे कि गंगा में स्नान करने से भी उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा। तब मां गंगा पृथ्वीवासियों से रुठकर पुनः स्वर्ग लोक को लौट जाएंगी।


विलुप्त हो रहा ग्लेशियर

गंगा नदी, गंगोत्री ग्लेशियर के आखिरी छोर यानी गोमुख ग्लेशियर के पिघलने से निकलती है, जो धीरे-धीरे लुप्त होता जा रहा है। ऐसे में वैज्ञानिक दृष्टि से भी गंगा नदी के धरती से विलुप्त होने की बात कहीं-न-कहीं सच साबित होती है। कहा जाता है कि मनुष्य जाति में पाप बहुत अधिक बढ़ने के कारण ही सरस्वती और पद्मा नदी धरती से विदा लेकर, स्वर्गलोक को जा चुकी हैं।


अस्वीकरण

इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।