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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 28 Jan 2025 07:33:00 AM IST
Shanidev - फ़ोटो Shanidev
Shanidev: शनिवार का दिन खासतौर पर न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित होता है। शनिदेव को कर्मफल दाता माना जाता है, जो अच्छे कर्म करने वाले व्यक्तियों को शुभ फल और बुरे कर्म करने वालों को दंडित करते हैं। शनिदेव का असर व्यक्ति के जीवन में काफी गहरा होता है, खासकर जब उनकी महादशा, ढैय्या या साढ़े साती का समय आता है। इन समयों में व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष के अनुसार, शनिदेव की दृष्टि के कारण कुछ लोगों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इनमें वे लोग शामिल हैं, जिनकी कुंडली में शनि के दुष्ट प्रभाव होते हैं, खासकर जब शनि चतुर्थ भाव में रहते हैं। यह समय व्यक्ति के जीवन में कष्ट, संकट, और अवरोध उत्पन्न करता है। विशेष रूप से शनि की महादशा, ढैय्या, और साढ़े साती के दौरान जीवन में भयंकर मुश्किलें आती हैं। इस लेख में हम यह जानेंगे कि शनिदेव के कौन से दुष्प्रभाव अधिक होते हैं और किन लोगों को शनिदेव अधिक परेशान करते हैं।
शनिदेव का प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार, शनिदेव का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। शनिदेव उन जातकों की परीक्षा लेते हैं जो बुरे कर्म करते हैं, और अच्छे कर्म करने वाले को शनिदेव शुभ फल देते हैं। शनिदेव का समय जीवन में अचानक बदलाव ला सकता है। शनिदेव जब किसी की कुंडली के चतुर्थ भाव में होते हैं, तो उस व्यक्ति के जीवन में परिवारिक समस्याएं, घर में दरिद्रता और शारीरिक कष्ट उत्पन्न हो सकते हैं। साथ ही, इस स्थिति में व्यक्ति को माता से वियोग का भी सामना करना पड़ सकता है।
शनि की महादशा और ढैय्या
शनिदेव के महादशा, ढैय्या और साढ़े साती के समय व्यक्ति के जीवन में कई परेशानियां आ सकती हैं। शनि की महादशा के दौरान जातक को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनमें वित्तीय संकट, सेहत में गिरावट, पारिवारिक तनाव, और मानसिक चिंताएं शामिल होती हैं। ढैय्या और साढ़े साती के दौरान शनि अपनी परीक्षा में व्यक्ति को मजबूत बनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस दौरान व्यक्ति को कई कष्टों का सामना करना पड़ता है।
शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति के उपाय
शनिदेव की पूजा करें: शनिदेव की उपासना करना और उन्हें प्रसन्न करने के लिए शनि मंदिर में दर्शन करना एक प्रभावी उपाय हो सकता है। शनिदेव को तेल, तिल, काले कपड़े, और लोहा अर्पित करना शुभ होता है।
पीपल के पेड़ की पूजा: पीपल का पेड़ शनिदेव का प्रिय माना जाता है। पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाकर शनिदेव की पूजा करनी चाहिए।
सच्चे कर्मों का पालन करें: शनिदेव के प्रकोप से बचने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय है अच्छे कर्मों का पालन करना। संतुलित जीवन जीने और दूसरों के साथ अच्छे व्यवहार करने से शनिदेव की कृपा मिल सकती है।
किसी जरूरतमंद को दान करें: शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले कुत्ते, गरीबों और बड़ों को दान देना शुभ माना जाता है।
राहु काल में शांति बनाए रखें: शनिदेव के प्रकोप के समय में राहु काल का समय विशेष ध्यान से देखना चाहिए और उस दौरान शांति बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।
शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए व्यक्ति को अपने कर्मों को सुधारना चाहिए और धार्मिक कार्यों में सहभागिता बढ़ानी चाहिए। शनि के दोषों का निवारण जीवन में स्थिरता और समृद्धि ला सकता है। शनिदेव की पूजा, अच्छे कर्म और दान से उनके प्रकोप को कम किया जा सकता है और जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है।