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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 05 Mar 2025 06:52:09 AM IST
Dharm News - फ़ोटो Dharm News
Masik Durga Ashtami: वैदिक पंचांग के अनुसार, शुक्रवार 07 मार्च 2025 को मासिक दुर्गा अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के अगले दिन आता है। इस दिन मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है और भक्त अष्टमी व्रत रखते हैं। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से साधक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। यदि आप भी मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस दिन श्रद्धा और भक्ति से उनकी पूजा करें और विशेष मंत्रों का जप करें।
मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व
मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत जीवन की समस्याओं को दूर करता है।
यह व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
मां दुर्गा की कृपा से आर्थिक, पारिवारिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
यह व्रत ग्रह दोषों के निवारण के लिए भी श्रेष्ठ माना जाता है।
मासिक दुर्गा अष्टमी पूजा विधि
प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर या मंदिर में मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
मां दुर्गा को लाल फूल, अक्षत, धूप, दीप, चंदन, कुमकुम अर्पित करें।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और विशेष मंत्रों का जाप करें।
मां दुर्गा को भोग अर्पित करें और आरती करें।
उपवास रखें और दिनभर मां दुर्गा का ध्यान करें।
संध्या आरती के बाद जरूरतमंदों को दान करें।
मां दुर्गा के प्रमुख मंत्र
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्तिमन्विते।भये भ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमो स्तुते।।
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे।सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते।।
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा, रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान्।त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां, त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति।।
मां दुर्गा की आरती
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव री।।
मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को।उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको।।
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।।
शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती।धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती।।
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।
मासिक दुर्गा अष्टमी का पर्व न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है बल्कि यह मनोवांछित फल प्राप्त करने में भी सहायक होता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा और उपासना करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस शुभ अवसर पर मां दुर्गा के मंत्रों का जाप और आरती करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।