1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 24 Feb 2025 06:24:00 AM IST
Shukra Pradosh Vrat 2025 - फ़ोटो Shukra Pradosh Vrat 2025
Bhaum Pradosh Vrat: वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 25 फरवरी को प्रदोष व्रत का विशेष संयोग बन रहा है। चूंकि यह व्रत मंगलवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से साधकों को आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
प्रदोष व्रत का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रदोष व्रत पर विशेष पूजा और दान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत के प्रभाव से कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
राशि अनुसार दान करने का महत्व
प्रदोष व्रत पर राशिनुसार कुछ विशेष वस्तुओं का दान करने से ग्रह दोष दूर होते हैं और सुख-समृद्धि आती है।
मेष: गेहूं और मूंगफली का दान करें।
वृषभ: दूध, दही और चावल का दान करें।
मिथुन: हरी सब्जी और चूड़ी का दान करें।
कर्क: सफेद रंग के वस्त्र दान करें।
सिंह: अनार, गुड़ और गाजर का दान करें।
कन्या: गन्ने का रस वितरित करें।
तुला: चावल, चीनी और आटा दान करें।
वृश्चिक: मसूर दाल, सेब और लड्डू दान करें।
धनु: कपड़े और बेसन के लड्डू दान करें।
मकर: काले वस्त्र और काले तिल का दान करें।
कुंभ: जूते-चप्पल और धन का दान करें।
मीन: चने की दाल और पपीता दान करें।
प्रदोष व्रत पर शिव पूजन विधि
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
भगवान शिव और माता पार्वती का गंगाजल से अभिषेक करें।
शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, दही, शहद, गंगाजल और चंदन चढ़ाएं।
दीपक जलाकर भगवान शिव की आरती करें।
"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
शिव मंत्र और आरती
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विशेष आराधना करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है:
महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव आरती:
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
भौम प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक उत्तम अवसर है। इस दिन उपवास, पूजा-पाठ, मंत्र जप और दान करने से न केवल आर्थिक संकट दूर होते हैं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्राप्त होती है। शिव कृपा से साधक के जीवन में सुख, समृद्धि और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।