1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 25 Oct 2025 12:04:22 PM IST
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Bihar Politics: बिहार में महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है। इस घोषणा के बाद अब मुस्लिम समुदाय की ओर से अपनी राजनीतिक भागीदारी की मांग उठने लगी है।
कई मुस्लिमों ने सोशल मीडिया पर महागठबंधन के इस फैसले की आलोचना की है और अपनी जनसंख्या के अनुपात में हिस्सेदारी देने की मांग की है। उनका कहना है कि 18% मुस्लिम आबादी वाले राज्य में महागठबंधन ने किसी मुस्लिम चेहरे को न मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया, न ही उपमुख्यमंत्री का।
डिप्टी सीएम फेस को लेकर जारी बहस के बीच लोजपा (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मुस्लिम समुदाय को अपने पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान के उस ऐतिहासिक फैसले की याद दिलाई, जब उन्होंने 2005 में बिहार में मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी।
चिराग पासवान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा पर लिखा कि “2005 में मेरे नेता मेरे पिता स्व. रामविलास पासवान जी ने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी पार्टी तक कुर्बान कर दी थी - तब भी आपने उनका साथ नहीं दिया।राजद 2005 में भी मुस्लिम मुख्यमंत्री के लिए तैयार नहीं था, आज 2025 में भी न मुस्लिम मुख्यमंत्री देने को तैयार है, न उपमुख्यमंत्री! अगर आप बंधुआ वोट बैंक बनकर रहेंगे, तो सम्मान और भागीदारी कैसे मिलेगी?”
इससे पहले पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान चिराग पासवान ने कहा था कि “इंडिया गठबंधन यादवों और सहनी समाज के नाम पर राजनीति कर रहा है, लेकिन मुसलमानों की बात केवल वोट के समय करता है। बिहार में मुसलमानों की आबादी लगभग 18 फीसदी है, फिर भी उन्हें न मुख्यमंत्री, न उपमुख्यमंत्री, और न ही किसी बड़े पद पर जगह दी गई है।”
चिराग ने आगे कहा कि “तेजस्वी यादव यादव समाज से हैं, जिनकी आबादी करीब 13 फीसदी है, जबकि मुकेश सहनी साहनी समाज से हैं, जिनकी आबादी करीब 2 फीसदी है। इसके बावजूद 18 फीसदी मुस्लिम आबादी को सत्ता में भागीदारी नहीं दी गई। ये लोग मुसलमानों को सिर्फ डराकर और भावनात्मक मुद्दों पर भड़का कर वोट लेना जानते हैं, असली प्रतिनिधित्व देने की नीयत कभी नहीं रही।”