Bihar Election 2025: बिहार में नामांकन से पहले बीजेपी के बागी नेता अरेस्ट, बड़े सियासी साजिश का लगाया आरोप

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज है. इसी बीच बीजेपी के बागी नेता अमित कुमार देव हत्या प्रयास के पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को राजनीतिक साजिश बताया है।

1st Bihar Published by: HARERAM DAS Updated Wed, 15 Oct 2025 04:35:50 PM IST

Bihar Election 2025

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Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव के नामांकन प्रक्रिया से पहले बेगूसराय में बीजेपी के बागी नेता को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी के बागी नेता और जिला परिषद सदस्य अमित कुमार देव को हत्या के प्रयास के मामले में नावकोठी थाना पुलिस ने पहलसारा के पास से गिरफ्तार किया है।


दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव के नामांकन प्रक्रिया से पहले बेगूसराय की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। भाजपा के बागी नेता एवं जिला परिषद सदस्य अमित कुमार देव को पुलिस ने हत्या के प्रयास के एक पुराने मामले में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी नावकोठी थाना क्षेत्र के पहसारा के समीप डीएसपी कुंदन कुमार के नेतृत्व में की गई। पुलिस के अनुसार, अमित देव के खिलाफ आठ वर्ष पूर्व परिहारा थाना क्षेत्र में अपने चाचा टुनटुन देव पर गोली चलाने के मामले में वारंट जारी था।


बताया जा रहा है कि अमित देव ने हाल ही में बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। वे भाजपा से नाराज़ चल रहे थे और उन्होंने कुछ दिन पहले ही कहा था कि “मैं कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए मैदान में हूं। गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बात करते हुए अमित देव ने कहा “यह मेरी राजनीतिक गिरफ्तारी है। आठ साल पुराने केस में मुझे फंसाया गया है, जिसे पुलिस ने पहले ही फाइनल कर दिया था। आज मेरा नामांकन होना था, लेकिन रात में मुझे गिरफ्तार कर लिया गया। यह सच्चे भाजपा कार्यकर्ताओं की आवाज़ को दबाने की साजिश है। बेगूसराय के सच्चे कार्यकर्ता के हाथ में आज हथकड़ी है।


उन्होंने आगे कहा “यह साफ है कि यह कार्रवाई बेगूसराय जिले के माननीय के इशारे पर की गई है। मैं न्यायालय की रक्षा में हूं, जो आदेश होगा, उसका पालन करूंगा। अमित देव ने भावुक होते हुए कहा कि उनके परिवार ने भाजपा के लिए “तीन-तीन सपूत खोए हैं”, लेकिन आज उसी परिवार का बेटा जेल जा रहा है। उन्होंने जनता से अपील की  “कुंदन हराओ, बेगूसराय जिला बचाओ।”


गौरतलब है कि बेगूसराय विधानसभा सीट से एनडीए ने कुंदन कुमार को उम्मीदवार बनाया है। इसी के बाद अमित देव ने बगावत का रास्ता अपनाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। अमित देव, भाजपा के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व प्रत्याशी अनिल कुमार देव (अधिवक्ता) के पुत्र हैं और वर्तमान में जिला परिषद सदस्य भी हैं। उन्होंने पहले ही कहा था कि पार्टी के जिला नेतृत्व ने पुराने व समर्पित कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया है।


सूत्रों के मुताबिक, अमित कुमार देव हाल के दिनों में भाजपा से नाराज चल रहे थे और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बेगूसराय विधानसभा से नामांकन की तैयारी कर रहे थे। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी ने जिले की सियासत को गरमा दिया है। स्थानीय स्तर पर समर्थकों ने इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बताते हुए विरोध जताया है। वहीं, पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई एक लंबित आपराधिक मामले में की गई है और आगे की कार्रवाई न्यायालय के आदेशानुसार होगी।


अमित देव के अधिवक्ता रौनक राज ने बताया यह 2017 का मामला है  बखरी थाना अंतर्गत परिहारा ओपी कांड संख्या 31/2017। उस समय के तत्कालीन डीएसपी ने इस मामले का सुपरविजन किया था, जिसमें अमित देव को क्लीनचिट दी गई थी। हालांकि, एसपी कार्यालय में फाइल पेंडिंग पाई गई, जिसके बाद हाल में इसे दोबारा खोला गया और जांच उपरांत गिरफ्तारी की गई। हमने कोर्ट में उनके मेडिकल सुपरविजन और रिमांड के लिए प्रेयर किया है, क्योंकि उन्हें चिकित्सकीय रूप से सही देखभाल नहीं दी गई है।