योजनाओं पर खुले हाथों से खर्च नहीं कर पायेगी बिहार सरकार, केंद्र ने कोरोना महामारी के बीच तय प्राथमिकताएं

योजनाओं पर खुले हाथों से खर्च नहीं कर पायेगी बिहार सरकार, केंद्र ने कोरोना महामारी के बीच तय प्राथमिकताएं

PATNA : योजनाओं पर खुले हाथों से बिहार सरकार खर्च नहीं कर पायेगी । केन्द्र ने कोरोना महामारी के बीच प्राथमिकताएं तय कर दी हैं।  कोरोना ने देश के वित्तीय प्रबंधन को भी प्रभावित किया है। लॉकडाउन के चलते मौजूदा वित्तीय संकट को देखते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने कैश प्रबंधन के लिए नियमों में बदलाव किया है। 


केन्द्र सरकार के बदलाव का सीधा असर बिहार समेत तमाम राज्यों में चल रही योजनाओं पर पड़ेगा। राज्य प्राथमिकता क्षेत्रों को छोड़कर योजना मद में फिलहाल खुले हाथ से खर्च नहीं कर पाएंगे। जिन्हें पहली तिमाही में 20 से 25 फीसदी राशि मिलती थी उन्हें अब 15 फीसदी से ही काम चलाना होगा। हालांकि कृषि, स्वास्थ्य, खाद्य आपूर्ति सहित जरूरी चीजों को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है। 


शीर्ष प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर नजर डाले तो इसमें खेती-किसानी, आयुर्वेद, योगा, नेचुरोपैथीा, यूनानी, होम्योपैथी, फर्मास्यूटिकल, सिविल एविएशन, उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय, खाद्य और जन वितरण मंत्रालय, ब्याज की देयता, राज्यों को भेजे जाने वाली राशि, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, स्वास्थ्य अनुसंधान, सुप्रीम कोर्ट, सीवीसी, स्टाफ, अवास और राष्ट्रपति के भत्ते, UPSC, रेलवे और ग्रामीण विकास मंत्रालय को प्राथमिकता सूची में शामिल किया गया है। 


केन्द्र ने राज्यों को  अपने तिमाही मासिक योजना के बदले हुए नियमों के हिसाब से भेजने को कहा है। हाल ही में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए इसे स्पष्ट किया है। प्राथमिकताओं को तीन श्रेणियों में बांटा गया है।