ब्रेकिंग न्यूज़

श्री लंगटा बाबा स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निकाली गई भव्य शोभायात्रा, श्रद्धालुओं की सेवा के लिए किए गए विशेष प्रबंध श्री लंगटा बाबा स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निकाली गई भव्य शोभायात्रा, श्रद्धालुओं की सेवा के लिए किए गए विशेष प्रबंध Bihar Election 2025: ‘बिहार में तीन-चौथाई सीटें जीतेगी NDA और बनाएगी सरकार’ राजनाथ सिंह का बड़ा दावा Bihar Election 2025: पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के लिए किया रोड शो, आरजेडी कार्यकर्ताओं से भिड़ंत होने से बचा Bihar Election 2025: सासाराम में सीएम योगी की ललकार, महागठबंधन पर जमकर बरसे; उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के लिए मांगे वोट Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम Bihar Assembly Elections : बिहार चुनाव को लेकर बॉर्डर हुआ सील, बड़ी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक

योगी के निशाने पर है बिहार का ये राजनेता: यूपी के गैंगस्टरों की सूची में शामिल है नाम, उत्तर प्रदेश पुलिस करेगी काम तमाम

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 19 Apr 2023 07:09:38 PM IST

योगी के निशाने पर है बिहार का ये राजनेता: यूपी के गैंगस्टरों की सूची में शामिल है नाम, उत्तर प्रदेश पुलिस करेगी काम तमाम

- फ़ोटो

DESK: बिहार का एक राजनेता पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निशाने पर है. यूपी पुलिस ने बिहार के इस राजनेता का नाम अपने राज्य के कुख्यात गैंगस्टरों की सूची में शामिल कर लिया है। अब पुलिस को ये टास्क मिला है कि इस गैंगस्टर समेत सूची में शामिल तमाम माफियाओं को मिट्टी में मिला देना है।


दरअसल, गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या के बाद यूपी सरकार ने अपने राज्य के दूसरे कुख्यात अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने राज्य के सभी जिलों में छोटे क्राइम करने वाले अपराधियों से लेकर गैंगस्टर से बाहुबली नेता बने माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की है. सरकार ने ऐसे माफियाओं की करीब 500 करोड़ रुपये की संपत्ति का भी पता लगाया है, जिसे कुर्क करने की तैयारी की जा रही है।


बिहार का राजनेता यूपी का गैंगस्टर

यूपी पुलिस ने अपने राज्य के जिन गैंगस्टरों की सूची जारी की है उसमें बिहार के राजनेता और पूर्व विधायक राजन तिवारी का भी नाम है. बिहार से दो दफे विधायक रह चुके राजन तिवारी को यूपी का बडा माफिया डॉन बताया गया है. यूपी पुलिस ने राजन तिवारी की संपत्ति जब्त करने से लेकर दूसरी कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है. राजन तिवारी का नाम यूपी के टॉप 61 माफिया की लिस्ट में शामिल है।


राजन तिवारी बिहार के गोविंदगंज विधानसभा सीट से दो दफे विधायक रह चुका है. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजन तिवारी ने अपने भाई और लोजपा(रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी के लिए प्रचार भी किया था. वह लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान के साथ चुनावी सभाओं में मंच पर बैठता था।


बता दें कि राजन तिवारी 90 के दशक का कुख्यात माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला का सहायक रह चुका है. यूपी पुलिस ने जब राजन तिवारी का जब आपराधिक इतिहास निकलवाया तो पता चला कि वह आठ मर्डर, अपहरण, अवैध वसूली समेत 40 से ज्यादा मुकदमों में आरोपित है. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जन्में राजन तिवारी ने कॉलेज के वक्त से ही अपराध की राह पकड़ ली थी. उस समय पूर्वांचल में श्रीप्रकाश शुक्ला ने अपराध की दुनिया में अपनी धाक जमा दी थी. राजन तिवारी ने श्रीप्रकाश शुक्ला का दामन थाम कर अपराध की दुनिया में अपनी पहचान बनायी।


राजन तिवारी का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में तब आया, जब 1996 में गोरखपुर कैंट से विधायक रहे वीरेंद्र प्रताप शाही पर हुए हमला हुआ. यह घटना गोरखपुर के शास्त्री चौक पर उस समय हुई जब वीरेंद्र शाही अपने घर से निकलकर शहर में जा रहे थे. इसमें वीरेंद्र शाही गंभीर रूप से घायल हुए और उनका गनर मारा गया था।


इस घटना में राजन तिवारी का नाम आया था और उसके बाद राजन तिवारी यूपी पुलिस के लिए वांटेड बन गया. बाद में वह भाग कर बिहार पहुंचा और यहां अपने पूर्वी चंपारण को अपना ठिकाना बना लिया.राजू तिवारी का नाम बिहार के कई बड़े आपराधिक मामलों में आया. 1998 में राज्य सरकार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की हत्या में राजन तिवारी का नाम प्रमुखता से आया. माकपा विधायक अजीत सरकार हत्याकांड में भी राजन तिवारी का नाम आया था।


बाद में राजन तिवारी ने सियासत की राह पकड ली. वह बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के गोविंदगंज विधानसभा क्षेत्र से दो दफे विधायक चुन कर आया. अजीत सरकार और बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में निचली अदालत से सजा मिलने के बाद राजन तिवारी ने गोविंदगंज सीट से अपने भाई राजू तिवारी को चुनाव लड़वाया था।


राजू तिवारी 2015 में विधायक चुने गये थे. बाद में राजन तिवारी को पटना हाईकोर्ट ने इन मामलों में बरी कर दिया था. हालांकि उत्तर प्रदेश में उसके खिलाफ 40 मामले दर्ज हैं. उत्तर प्रदेश की पुलिस ने अपने यहां के एक पुराने मामले में पिछले साल सितंबर में राजन तिवारी को बिहार के रक्सौल से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने कहा था कि वह नेपाल भागने की तैयारी में था।


इस बीच 2016 में राजन तिवारी ने बसपा का दामन थामा था लेकिन वहां से टिकट नहीं मिला. 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजन तिवारी लखनऊ में भाजपा में शामिल हो गया था. लेकिन भाजपा के ही कई नेता जब कुख्यात राजन तिवारी को पार्टी में शामिल कराने के खिलाफ खुल कर बोलने लगे तो राजन तिवारी को पार्टी से विदा कर दिया गया था।