13 दिन से धरने पर बैठे पंचायत वार्ड सचिवों का फूटा गुस्सा, कर दिया बीजेपी ऑफिस का घेराव

13 दिन से धरने पर बैठे पंचायत वार्ड सचिवों का फूटा गुस्सा, कर दिया बीजेपी ऑफिस का घेराव

PATNA : बिहार में पटना के गर्दनीबाग में 13 दिन से पंचायत वार्ड सचिव का धरना जारी है. अपनी मांगों लेकर धरने पर बैठे वार्ड सचिवों ने आज भाजपा कार्यालय का घेराव किया है. भाजपा कार्यालय के बाहर हजारों की संख्या में वार्ड सचिव बैठे हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. बिहार के कई जिलों से वार्ड सचिव वहां पहुंचे हैं. उनका कहना है कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वह और उग्र आंदोलन करेंगे. 


एक सदस्य ने बताया कि हम लोग इससे पहले 12 दिन से गर्दनीबाग में धरना स्थल पर बैठे थे. अभी तक सरकार की तरफ से हमारी कोई मांग नहीं सुनी गई. बिहार में डबल इंजन की सरकार है. बीजेपी भी सरकार में है. इसलिए आज हम लोग बीजेपी ऑफिस का घेराव कर रहे हैं. ताकि यहां से ही कोई हमारी ओर ध्यान दे. सुबह से हम लोग यहां बैठे हैं. अभी तक कोई बात करने नहीं आया. 


वार्ड सचिवों ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनके साथ बहुत बड़ा धोखा किया है. अचानक 13 दिसंबर को एक तुगलकी फरमान निकाल कर 1,14,691 वार्ड सचिवों को पद मुक्त कर दिया गया है. इनकी मांग है कि सरकार सभी वार्ड सचिवों को अस्थाई करते हुए इन सभी के लिए एक सम्मानजनक वेतनमान का प्रावधान करें. संघ के सदस्यों का कहना है कि 2 वर्ष बीतने के बाद उनका कार्यकाल 5 साल किया गया, लेकिन उन्हें आज तक वेतन नहीं दिया गया.


वार्ड सचिवों का कहना है कि 4 वर्ष पहले जब प्रदेश में पंचायत सचिव की बहाली की गई थी, तो मैट्रिक का क्वालिफिकेशन अहर्ता था. उसके बावजूद मेरिट के आधार पर पंचायत वार्ड सचिव की नियुक्ति की गई थी. मानदेय के नाम पर सरकार ने एक रुपया भी नहीं दिया. लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पंचायत वार्ड सचिव से चुनाव ड्यूटी ली गई. इसके अलावा सरकार की सात निश्चय योजना को सफल बनाने में पंचायत वार्ड सचिवों ने पूरी निष्ठा से काम किया.



राज्य के 38 जिलों के वार्ड सचिव और कर्मचारी गर्दनीबाग के महिला थाना में 13 दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे है. लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई है. 13 दिसंबर को बिहार सरकार द्वारा एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें पुराने सभी वार्ड सचिव को हटाकर नए वार्ड सचिवों को नियुक्त करने की बात कही गई है.